सीतापुर-अनूप पाण्डेय,सनोज मिश्रा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के अटरिया पूर्वोत्तर रेलवे के अटरिया स्टेशन से सवार होने वाले यात्री जान जोखिम में डालकर प्लेटफॉर्म नंबर 1 से प्लेटफार्म नंबर 2 तक जाने को मजबूर हैं, वजह यहां ऊपरगामी ओवर ब्रिज का निर्माण नहीं हुआ है। उस समय यात्रियों को सबसे ज्यादा समस्या होती है जब कोई गाड़ी प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी होती है और दूसरी गाड़ी को प्लेटफार्म नंबर 2 पर आना होता है उस समय यात्री जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन को पार करते हैं। महिलाओं व बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है अररिया स्टेशन पर बना प्रतीक्षालय में ताला लटका हुआ है और प्लेटफॉर्म नंबर वन पर बनी पुरानी पानी की टंकी खराब स्थिति में पड़ी हुई है। आपको बता दें कि जब कभी कस्बे में बिगुल हो जाती है ,तो अटरिया स्टेशन पर भी अंधेरा हो जाता है वैसे तो स्टेशन पर बहुत सारी एलईडी लाइटें लगी हुई हैं ,जिनका कनेक्शन बिजली से है, स्टेशन पर खड़ा हुआ जनरेटर सफेद हाथी की तरह प्रतीत हो रहा है। बिजली के चले जाने के बाद स्टेशन पर अंधेरा हो जाता है। अटरिया स्टेशन पर अभी पुराने लकड़ी की अलमारी से कागज की डफली वाले टिकटों का वितरण किया जा रहा है जिससे दैनिक यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है क्योंकि कंप्यूटरीकृत न होने के कारण मासिक पास नहीं बन पा रहे हैं दैनिक यात्रियों में से शिवम मिश्रा, करन अवस्थी, राहुल पटेल, नीरज अवस्थी आदि लोगों का कहना है कि रोजाना टिकट खरीदने में काफी परेशानी हो रही है ,अगर अटरिया में कंप्यूटरीकृत हो जाए तो मासिक पास बनवा कर यात्रा करना आसान हो जाएगा। आमान परिवर्तन के चलते 9 जनवरी को रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर सीतापुर से लखनऊ के लिए रेल सेवा का संचालन असुविधाओं के बीच शुरू कर दिया था, लेकिन अभी भी अटरिया स्टेशन पर पूरी तरह से यात्री सुविधाएं आसान नहीं हुई है।