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Saturday, December 21, 2024

फेल हुआ सपा का चुनावी गणित

​गाजियाबाद। नगर निगम चुनाव में सपा का सूपड़ा साफ होने का असर महानगर पदाधिकारियों पर जल्द नजर आ सकता है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद इस चुनाव की समीक्षा करेंगे। इसके बाद यहां कई फेरबदल किए जा सकते हैं। उपचुनाव 2016 में पार्टी प्रत्याशी ने दूसरा स्थान हासिल किया। इस बार उम्मीद थी कि वैश्य प्रत्याशी को पहली बार टिकट दिया जा रहा है तो इससे पार्टी को जीत हासिल होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बिना वैश्य प्रत्याशी के पिछले दो चुनाव में दूसरा स्थान पाने वाली पार्टी इस बार चौथे स्थान पर पहुंच गई।
नुकसान के कई कारण
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी में आंतरिक एकजुटता की कमी से पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ा। मेयर पद का टिकट मांगने वाले एक प्रत्याशी ने बताया कि जब भी बाहरी व्यक्ति को लाया जाएगा तो उसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ेगा। लंबे समय से चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले प्रत्याशियों में इससे निराशा थी। वहीं, अभी तक बसपा नगर निगम चुनाव में सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ती थी। पहली बार पार्टी ने सिंबल पर चुनाव लड़ा, इसलिए उसका कैडर वोटर सीधे बसपा के खाते में चला गया। वहीं, कांग्रेस इससे पहले नगर निगम चुनाव में तीसरे और चौथे स्थान पर रहती रही है, लेकिन इस बार वह दूसरे स्थान पर पहुंच गई, क्योंकि मुस्लिम वोटरों का कांग्रेस की तरफ ध्रुवीकरण हुआ है। इसका फायदा कांग्रेस को मिला। पिछले दो चुनाव देखें तो कांग्रेस कभी एक लाख का आंकड़ा नहीं छू सकी है, लेकिन पहली बार कांग्रेस ने एक लाख से अधिक वोट हासिल किए हैं। इसका सीधा नुकसान सपा को हुआ है।
2012 का सामान्य चुनाव
पार्टी नेता मिले मत
बीजेपी तेलूराम 136733
कांग्रेस विजय चौधरी 62289
निर्दलीय सुधन रावत 126463
2016 का उपचुनाव
बीजेपी आशु वर्मा 115879
कांग्रेस लालमन 23313
सपा सुधन रावत 70688

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