बहराइच में रखी गयी 95 फिट लम्बी ताजिया………बहराइच :(अब्दुल अज़ीज़) NOI :-हिन्दोस्तान दुनिया का इकलौता ऐसा मुल्क है जहां का सारा कामकाज आस्थाओं के जरिये होता है और उसी में से एक धार्मिक आस्था ने नास्तिक लोगों को भी नतमस्तक कर धर्म का लोहा मानने पर मजबूर कर दिया है।मोहर्रम में होने वाली ताजियादारी ने हिन्दुस्तान में तैमूर लंक के जमाने में प्रवेश किया था और तब से लेकर आजतक इसका वर्चस्व कायम है।ये बात अलग है कि इसका स्वरूप समय के साथ साथ बदलता गया और उसी बदलते स्वरूप की वजह से आज बहराइच जैसे पिछड़े जनपद की कैसरगंज तहसील की ग्राम पंचायत अलियापुर गाँव में एक ऐसी ताजिया देखने को मिला जिसकी ऊंचाई 95 फिट की होना बताई गयी है।इस ऐतिहासिक ताजिया जिसकी लंबाई पंचानवे फिट देखी गई है को देखने के लिए क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग 9 मोहर्रम की रात से ही उमड़ते देखे गये।इस ऐतिहासिक ताजिया के मिर्माण और रखने रही थी के लिए ग्राम पंचायत के लोगों के साथ साथ ख़ास तौर पर सबसे ज्यादा सहयोग हकीम अली का रहा। उनके सहयोग और प्रयास से इस ताजिये का निर्माण हुआ और यह ताजिया रखी गई। हकीम से बात करने पर उन्होंने बताया कि हम हसन हुसैन की यादगार में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ये ताजिया रखी है।उन्होंने बताया कि आस्थाओं के साथ साथ मेरे मन में ये ख्याल आया कि इस बार हम अपनी ताजिया को ऐसा स्वरूप दें जो क्षेत्र के लिये रोचक और ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान कर सके।सो उसका निर्माण कराया गया और अपने निर्धारित समय पर नवीं मोहर्रम की शाम को इसकी स्थापना करते हुये जनता के लिये खोल दिया गया। इस ताजिया को लाने ले जाने वाला रास्ता में कहीं कोई दिक्कत नहीं रहती है हम ताजियादार सब मिलकर इस ताजिया को अपने ट्रैक्टर ट्राली के जरिये निकट कर्बला तक ले जाते हैं और वहां दफना देते हैं। रास्ते में कोई अन्य विवाद नहीं रहता है। हमारे यहां हिंदू मुस्लिम सभी धर्म के लोग आते हैं और मानते हैं यही हमारी श्रद्धा है।