लखनऊ, दीपक ठाकुर। ये सवाल उत्तर प्रदेश के लिये काफी अहम् है क्योंकि अगर सब ठीक है तो भा ज पा के लिए शुभ संकेत अगर नहीं तो तो?
जैसी की सूत्रों के हवाले से ख़बरें आ रही है कि टिकट बंटवारे को ले कर कोई खुश है तो कोई मायूस तो कोई आस लगाये बैठे है कि उसका नंबर भी आएगा इन सभी सवालों के जवाब तो पूरी लिस्ट आने के बाद ही साफ़ होंगे पर पहली लिस्ट और अन्य दलों से आये लोगों का टिकट प्रेम देख कर ये शंका हो रही है कि शायद भा ज पा में टिकट को लेकर सब ठीक तो नहीं चल रहा है।
अपनी पुरानी पार्टी को छोड़ कर भा ज पा में आये कई गद्दावार नेता इस आस में बैठे हैं कि पार्टी उनको और उनके समर्थकों को निराश नहीं करेगी अगर करेगी तो भीतरी घात लगने का पार्टी को डर होगा। वहीँ अपने पुराने कार्यकर्ताओं नेताओ को अनदेखा करना भी भा ज पा के लिए घातक सिद्ध हो सकता है ।
ऐसे में जातीय समीकरण भी सटीक होना चाहिए कहीं दूसरे दल इसी में ना बाज़ी मार ले जाएं कई दिक्कतें है भैया टिकट के बंटवारे में क्योंकि ये चुनावी दंगल किसी असली दंगल से कम नहीं होता अब देखना है कि इस काम में सबका साथ सबका विकास का नारा सफल होगा या नहीं।।