मुंबई| मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के बाद बचत खातों से नकदी निकालने पर लगी सभी किस्म की रोक को सोमवार को खत्म कर दिया गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इसकी घोषणा पिछले महीने की थी। शीर्ष बैंक ने दो चरणों में पहले नकदी निकालने की साप्ताहिक सीमा 20 फरवरी को 24,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की थी। एटीएम से निकासी की सभी सीमा 13 मार्च को खत्म होने का ऐलान किया गया था।
यह घोषणा आरबीआई के उप गर्वनर आर. गांधी ने केंद्रीय बैंक द्वारा फरवरी में मौद्रिक नीति समीक्षा के घोषणा के दौरान की थी, जिसमें ब्याज दरों को 6.25 फीसदी पर यथावत रखा गया था। साथ ही बैंक ने कहा था कि नोटबंदी के असर के प्रभाव के आंकड़ों का वह इंतजार कर रहा है। उसके बाद ही ब्याज दरों पर कोई फैसला लिया जाएगा।
आरबीआई ने 30 जनवरी को कैश एकाउंट, कैश क्रेडिट एकाउंट और ओवरड्रॉफ्ट एकाउंट पर निकासी पर लगी सीमा को हटा दिया था।
बैंक खातों से निकासी पर सीमा 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद लगाई गई थी। इसके तहत सरकार ने 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।