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Thursday, December 26, 2024

मोदी सरकार के इस फैसले से सैफ अली खान को होगा दो हजार करोड़ का घाटा

नई दिल्ली,एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक फैसला फिल्म अभिनेता सैफ अली खान पर भारी पड़ने वाला है। इस फैसले की उन्हें आर्थिक रूप से भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। नुकसान करीब दो हजार करोड़ तक होने का अनुमान है।

क्या है नया कानून

दरअसल मध्य प्रदेश के भोपाल में सैफ की दादी के नाम पर दो हजार करोड़ रुपये की जायदाद है। मगर केंद्र की मोदी सरकार शत्रु जायदाद संशोधन विधेयक पास करने की तैयारी में है। जिससे यह पूरी संपत्ति सरकार जब्त कर लेगी। कानून के अनुसार भारत छोड़कर पाकिस्तान या अन्य देश में बस चुके लोगों की संपत्ति पर यहां के वारिस नहीं दावा कर सकेंगे।

यूं संपत्ति के वारिस हैं सैफ

इनाडु इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल के नबाव हमीदुल्ला खान की बीच वाली बेटी की शादी पटौदी के तत्कालीन नवाब इफ्तेखार अली से हुई थी। यह शादी आजादी के पहले हुई थी। दोनों के बेटे मंसूर अली पटौदी थे, जो सैफ के पिता थे। कहा जाता है कि तब पटौदी में महल नहीं था, इसलिए साजिदा सुल्तान ने वहां रहने से मना कर दिया। इसके बाद वहां महल बनवाया गया था, जिसे आज पटौदी महल के नाम से जाना जाता है।

साजिदा नबाव हमीदुल्ला की मंझली बेटी थीं। उनकी बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गईं और वहीं बस गईं। उसके बाद भारत सरकार ने साजिदा को नबाव हमीदुल्ला का उत्तराधिकारी मान लिया और सुविधाएं दे दीं। तब साजिदा के इंदिरा गांधी से काफी निकट के संबंध थे। सरकार एकसाल तक कोई फैसला नहीं कर सकी थी। 1960 में हमीदुल्ला खान की मौत के बाद सरकार को मंझली बेटी साजिदा और छोटी बेटी राबिया में से किसी एक को चुनना था। इसमें साजिदा ने बाजी मार ली। जब साजिदा की भी मौत हो गई तो भोपाल रियासत की कमान मंसूर अली खान पटौदी को सौंप दी गई। इसके पहले से ही भोपाल की संपत्ति को लेकर विवाद है और अब यह और भी गहरी हो चुकी है। इसी के नाते सैफ को इस संपत्ति का हकदार माना जाता है। कहा जाता है कि इस संपत्ति की कीमत आज के दौर में दो हजार करोड़ से अधिक की है।

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