नई दिल्ली: गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों पर आगामी 8 अगस्त को तीन सीटों के लिए हो रहे चुनावों के लिए कांग्रेस पार्टी में मचे तूफान के बीच गुजरात भाजपा में भी अंदरखाने असंतोष की सुगबुगाहट की खबरें दिल्ली पहुंच गई हैं। आलाकमान कल गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रूपानी और पूर्व सीएम आनंदी बेन पटेल के समर्थकों में गंभीर मतभेद सामने आने की खबरों ने अमित शाह खेमे को चिंतित कर दिया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाई गई आंनदी बेन पटेल का खेमा इस बात की जी तोड़ कोशिशों में जुटा था कि कम से कम एक राज्यसभा सीट उनके खेमे के सुपुर्द की जाएगी। लेकिन एक सीट पर खुद अमित शाह व दूसरी पर स्मृति ईरानी को खड़ा करने से आंनदीबेन का खेमा पूरी तरह असंतुष्ट है। ज्ञात रहे कि उर्मिला बेन ने कुर्सी छोड़ने की शर्त रखी थी कि उनकी पसंद के नेता नितिन पटेल को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन जब अमित शाह ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए अपने खास नेता विजय रूपानी को सीएम की कुर्सी सौंप दी तो नितिन पटेल को उप मुख्यमंत्री पद पर ही मन मार कर चुप बैठना पड़ा।
अहमदाबाद से दिल्ली पहुंची ताजा खबरों के मुताबिक मोदी व अमित शाह की ओर से कांग्रेस से बगावत करने वाले शंकर सिंह वाघेला के करीबी रिश्तेदार व कांग्रेस विधायक बलवंत सिंह राजपूत को भाजपा का तीसरा उम्मीदवार घोषित किए जाने पर भी आनंदीबेन-नितिन पटेल खेमा बुरी तरह नाखुश है। इस खेमे के एक सूत्र का कहना है कि कांग्रेस के बागियों को तीसरी सीट सौंपने के बजाय इसे हमे यानी आनंदीबेन गुट को सौंपने की पेशकश की जाती। आंनदीबेन गुट का कहना है कि इससे पार्टी को लाभ होने के बजाय बदनामी मिली है तथा जनता में यह संदेश पहुंचा है कि कांग्रेस में तोड़- फोड़ करवाने में भाजपा का हाथ है।
गुजरात में सीटों व वोटों के गणित के हिसाब से दो राज्यसभा सीटें तो आसानी से भाजपा की झोली में जानी तय हैं क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी का चुना जाना मात्र औपचारिकता रह गई है। तीसरी सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल की किस्मत इस बार दांव पर लगी है।
कांग्रेस में अभी भी असंमजस बना हुआ है कि कांग्रेस से नाता तोड़ चुके शंकर सिंह वाघेला अभी भी इस हैसियत में है कि कांग्रेस से हिसाब चुकता करने के लिए उसके कम से कम 10 और विधायकों को तोड़कर उनका वोट भाजपा के तीसरे उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत को दिलवा सकते हैं जोकि वाघेला के साढू भाई हैं। हालांकि वाघेला ने पिछले सप्ताह अहमद पटेल को पक्का भरोसा दिया है कि उनका वोट सिर्फ उनको ही जाएगा लेकिन उनके करीबी विधायक को ही भाजपा ने तीसरा उम्मीदवार बनाने की ठान ली है तो ऐसे में वाघेला के अगले कदम पर कांग्रेस के हाथ-पांव फूले हुए हैं।