दीपक ठाकुर:-NOI।
24 फरवरी को दिल्ली में हुआ उसने पूरे देश मे खौफ का माहौल बना दिया। देश के हर शहर और हर शख्स की ज़ुबान पर दिल्ली के आतंक की बात सुनाई देने लगी वहां अचानक जो आग लगाई गई वो अचानक वाली नही थी उसके पीछे एक बड़ी गहरी साजिश थी जिसकी परत धीरे धीरे खुलने भी लगी है
दिल्ली के कई इलाकों में जो लूट और हत्या के साथ आगजनी की जो वारदात हुई उसने हमारे देश की कानून व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया और भारत पाकिस्तान के बंटवारे के वक़्त के हालात से भी परिचित करा दिया जिससे हम में से कई लोग वाकिफ तो मगर किस्से और कहानियों के माध्यम से लेकिन जो आंखों देखा वो ना सिर्फ ह्रदय विदारक था बल्कि निराशा जनक भी था कि आखिर क्या वजह रही जो इंसान इंसान के खून का प्यासा हो गया?दिल्ली कांड में शाहरुख पठान को विलेन के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि उसकी गतिविधि ही ऐसी थी हाथों में बंदूक लेकर अंधा धुंध फायरिंग उसका जुनून बनता दिखाई दे रहा था उसकी गोली किसे लग जाये कोई भरोसा नही था उसने तो पुलिस के सामने भी अपनी रिवाल्वर तान रखी थी जिससे लगता था कि उसको खाकी का भी ख़ौफ़ नही था सब तहस नहस करने के बाद वो कहाँ चला गया ये भी एक रहस्य है जिसपे से दिल्ली पुलिस जल्द ही पर्दा हटाएगी ऐसी उम्मीद भी है।
लेकिन दिल्ली में दंगा हुआ तो क्यों हुआ और हुआ कि कराया गया ये बात भी रहस्य से कम नही है अभी तक की जांच में जो बात सामने आ रही है उसमें कांग्रेस और आप पार्टी के कुछ लोग संदेह के घेरे में आते नज़र आ रहे हैं वही भाजपा पर भी कुछ ऐसे ही इल्ज़ाम लगाए जा रहे हैं पूरे मामले में पार्टियां एक दूसरे के मत्थे इल्ज़ाम दे रही हैं लेकिन कोई इसको गंभीरता से लेता हुआ नजर भी नही आ रहा है।फिल्मो में जो दिखाया जाता था ठीक वैसा ही इस दंगे में भी दिखाई दे रहा है लेकिन चुनाव के बाद और सरकार बन जाने के बाद ऐसा क्यों हुआ ये समझ मे नही आ रहा है।एक शाहरुख ही इतना बड़ा कांड नही कर सकता ये प्रश्न भी दिमाग मे बार बार आ रहा है
लेकिन इसके पीछे है कौन ये भी समझ मे नही आ रहा है।आपस के लोग आपस मे कभी इतना भी नही झगड़ते के एक दूसरे को खत्म करने पर ही आमादा हो जाएं पर हां ये अलग बात है कि जो आपसी अमन और भाई चारे से जलते हैं वो ही कुछ ऐसा षड्यंत्र करते हैं अब वो कौन है इसका खुलासा जल्द हो यही उम्मीद करता हूँ जो हो गया वो अब ना हो ऐसी दुआ भी करता हूँ।