सीतापुर-अनूप पांडेय/NOI- सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात करते हैं मगर उन्हें के अधीनस्थ कर्मचारी अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते नजर आ रहे हैं जांच के नाम केवल खाना पूर्ति की जाती है ताजा मामला सीतापुर जनपद के ब्लाक मछरेहटा की ग्राम पंचायत नेवादा कला का जहाँ सपथ पत्र के साथ शिकायत पूर्व जिला अशिकारी अखिलेश तिवारी सीतापुर से की थी जिसकी जांच जिला प्रशिक्षण अधिकारी व नलकूप खण्ड प्रथम को दिया था जिसमे मछरेहटा ब्लाक की ग्राम पंचायत नेवादा कला में वित्तीय नियमो की अनदेखी कर जमकर भृष्ठाचार हुआ है जिला अधिकारी ने जांच टीम गठित करते हुए तकनीकी जांच करने को कहा था मगर जिला प्रशिक्षण अधिकारी ने शिकायत करता को बिना सूचना के जांच कर डाली जिसमे ग्राम प्रधान प्रतिनिधि को सभी आरोपो से मुक्त करते हुए अपनी आख्या भेज दी।
जब कि मसूरी गांव में मौके पर ही मनरेगा योजना तहत बने मॉडल तालाब की ईंटों से लगाकर कर चबूतरे व इंगल व लगे हुए तारों को प्रधान प्रतिनिधि द्वारा उखाड़ लिया गया जिसकी ईंटे सामुदायिक सौचालय व बाउंड्री वाल में लगा दी गयी बचे आरोप 14 वित्त राज वित्त व चतुर्थ वित्त में खड़ंजा हैंड पम्प , नाली निर्माण कार्य व सौचालय निर्माण की तो बात ही अलग है अगर प्रधान की बात करे तो ग्राम प्रधान के सभी अधिकारों को प्रधान प्रति निधि हनन करे हुए है और अपनी दबंगई पर सभी निर्माण व विकाश कार्य पर लूट घसूट कर रहा है अगर इसी प्रकार की जांच होंती है तो जांच के नाम से जिले के उच्च अधिकारी क्यो टाल देते है जब कि मनरेगा योजना एक्ट के तहत प्रधान प्रतिनिधी पे तत्काल मुकदमा दर्ज होने के साथ रिकवरी के आदेश होने चाहिए मगर जांच अधिकारी द्वारा ये सब न करते हुए सभी आरोपो से मुक्त कर दिया जब शिकायत करता खुद जांच अधिकारी से मुलाकात की तो उसे समझाने की कोशिस की गई
वही सूत्रों की माने तो जांच के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है ।