सघन मिशन इन्द्रधनुष के लिए आयोजित हुए जन जागरूकता कार्यक्रम
बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- सघन मिशन इन्द्रधनुष के चतुर्थ चरण में सभी लक्षित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराये जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी अजय दीप सिंह की अध्यक्षता में दरगाह शरीफ स्थित निकाह घर एवं कस्तूरबा गाॅधी आवासीय बालिका विद्यालय रिसिया मटेरा में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्या में स्त्री-पुरूष, धर्मगुरू, संभ्रान्त जन व सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे। दरगाह शरीफ निकाह घर तथा कस्तूरबा विद्यालय में आयोजित जागरूकता चैपाल को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी अजय दीप सिंह ने कहा कि सभी माता पिता को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराये जाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों की लापरवाही, अज्ञानता व अन्य अपरिहार्य कारणों से अभी भी लगभग 28 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जिनका टीकाकरण नहीं हो पाया है। जिलाधिकारी श्री सिंह ने कहा कि जिले के मुखिया होने के कारण बच्चों के माता-पिता के साथ-साथ उनकी भी जिम्मेदारी है कि बच्चों का हक उन्हें मिले। उन्होंने कहा कि टीकाकरण बच्चों का बुनयादी हक है इससे उन्हें महरूम न किया जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि निःशुल्क लगने वाले एक छोटे से टीके को महत्वहीन न समझा जाये, क्यांेकि यही टीकाकरण बच्चों को 10 जनलेवा बीमारी से बचाता है। श्री सिंह ने लोगों से अपील की कि मिशन इन्द्रधनुष के तहत संचालित टीकाकरण अभियान को एक आन्दोलन के रूप में स्वीकार करें और अपने सभी बच्चों का टीकाकरण अवश्य करायें। उन्होंने कहा कि लोगों की जागरूकता के कारण ही देश आज पोलियो और चेचक जैसी जानलेवा बीमारी से मुक्त हो सका है।
जिलाधिकारी ने जागरूकता कार्यक्रमों में मौजूद धर्मगुरूओं से अपील की कि आप लोग भी प्रार्थना सभा के समय अपने स्तर से लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात की जानकारी दी जाये कि बचाव इलाज से बेहतर विकल्प है। टीकाकरण के अभाव में यदि कोई बच्चा किसी रोग से ग्रसित हो जाता है तो उसके इलाज में तन-मन-धन लगा देने से भी दूसरे आम बच्चों जैसी बात पैदा नहीं हो सकती है। जिलाधिकारी ने छात्र-छात्राओं एवं युवाओं तथा समाज के सभी वर्गों से मार्मिक अपील की कि बिना किसी भेदभाव के टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें, ताकि स्वस्थ भारत का सपना पूरा हो सके।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े बहराइच का शुमार देश के 115 पिछड़े जनपदों में होता है। उन्होंने कहा कि यहाॅ पर कुपोषण भी एक बड़ी समस्या है।