नई दिल्ली एजेंसी। उपहार सिनेमा अग्निकांड में लापरवाही के दोषी सिनेमाघर मालिक गोपाल अंसल ने जेल से बचने के लिए एक बार फिर सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गोपाल अंसल ने कोर्ट से एक साल के कारावास की सजा के आदेश में बदलाव करने की गुहार लगाई है। कोर्ट गोपाल अंसल की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है।
मंगलवार को गोपाल अंसल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर के समक्ष अर्जी का जिक्र करते हुए मामले पर शीघ्र सुनवाई की मांग की। उनके अनुरोध पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाने वाली पीठ की उपलब्धता देखेंगे। कोर्ट ने मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया। हालांकि उपहार पीडि़त संघ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने गोपाल अंसल की अर्जी का विरोध किया। तुलसी ने कहा कि पुनर्विचार फैसले पर पुनर्विचार की मांग नहीं की जा सकती।
गोपाल अंसल ने अर्जी में 69 वर्ष की आयु और बीमारियों की दुहाई देते हुए कोर्ट से बड़े भाई सुशील की तरह उसकी भी कैद की सजा काटी जा चुकी कैद तक सीमित मान लिये जाने का अनुरोध किया है। गोपाल का कहना है कि अगर उसे इस उम्र में जेल भेजा गया तो उसकी सेहत को ना भरपाई होने वाला नुकसान होगा।
दिल्ली के उपहार सिनेमा में 1996 में बार्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गयी थी। इस अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 100 से ज्यादा अन्य लोग घायल हुए थे। इस मामले में गत 9 फरवरी को सुप्रीमकोर्ट ने उपहार पीडि़त संघ और सीबीआइ की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए गोपाल अंसल को एक साल का पूरा कारावास भुगतने का आदेश दिया था।
हालांकि कोर्ट ने सुशील अंसल की कैद की सजा काटी जा चुकी कैद तक पर्याप्त मान ली थी। कोर्ट ने सुशील की बीमारियों और अधिक आयु को ध्यान में रखते हुए उसकी सजा काटी जा चुकी जेल तक पर्याप्त मान ली थी। गोपाल ने कोर्ट से उसके मामले में भी सुशील अंसल जैसा आदेश देने का अनुरोध किया है।