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Friday, January 3, 2025

स्कूल चलो अभियान और संचारी रोग की निकाली गयी जन जागरूकता रैली,मण्डलायुक्त ने हरी झंडी दिखाकर रैली को किया रवाना…….

स्कूल चलो अभियान और संचारी रोग की निकाली गयी जन जागरूकता रैली,मण्डलायुक्त ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया रैली को,,,,,,
स्वास्थ्य महकमा और शिक्षा विभाग के लोग भी हुये शामिल,,,,,

बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- दिमागी बुखार एवं संचारी रोगों की रोकथाम के लिए जिले में संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान का संचालन किया जा रहा है ।इस कार्यक्रम मे तेजी लाने के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के आपसी समन्वय से स्कूली बच्चों द्वारा एक रैली का आयोजन किया गया | मंडलायुक्त देवीपाटन मण्डल की मौजूदगी मे जिला अधिकारी शंभू कुमार ने नानपारा बीआरसी भवन से रैली को रवाना करते हुये कहा कि जन जागरूकता से दिमागी बुखार एवं संचारी रोगों मे कमी लायी जा सकती है।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश सिंह ने बताया कि एक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम यानि दिमागी बुखार बहुत ही गंभीर बीमारी है। जिसके कारण मृत्यु या अपंगता भी हो सकती है। कोई भी बुखार, दिमागी बुखार हो सकता है, इसलिए बुखार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और पीड़ित को तुरंत नजदीकी अस्पताल जे जाना चाहिए। मच्छर जनित बीमारियाँ डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि रोगों से बचाव हेतु अपने घरों व आसपास साफ-सफाई रखें तथा जलभराव न होने दें | जेई और एईएस के मच्छर साफ पानी और ठहरे हुए पानी में पैदा होते हैं इसलिए कूलर अथवा ठहरे हुये पानी को बदलते रहना चाहिए। मच्छरों के पनपने पर रोक लगाकर संचारी रोगों की रोकथाम की जा सकती है | उन्होंने कहा कि दिमागी बुखार और संचारी रोगों से बचाव के लिए रेपिडएक्शन टीम द्वारा प्रभावित इलाकों में जाकर एंटी लार्वा और दवा का छिड़काव भी किया जा रहा है। उन्होने शिक्षकों से प्रार्थना के समय ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को साफ सफाई के प्रति जागरूक कर इस बीमारी को रोकने के लिए अपील की।इस संदर्भ में जारी टोल फ्री नंबर 1800-180-5145 भी जारी किया, जिस पर भी ले सकते हैं दिमागी बुखार की जानकारी। इस मौके पर अरविंद चौहान जिला मुख्य विकास अधिकारी, एसके तिवारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, डॉ डीपी वर्मा डिप्टी सीएमओ, डा. सोलंकी अधीक्षक सीएचसी नानपारा ,डॉ चन्द्र्भान राम एवं डीएचईआईओ रवीन्द्र त्यागी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

कैसे हो एईएस की पहचान
-तेज बुखार आना, लगातार बुखार बने रहना, शरीर में सुस्ती बने रहना, दांत पर दांत बैठना, शरीर में झटके आना, पूरे शरीर या फिर किसी अंग में ऐठन होना, बोल न पाना और चिकोटी काटने पर भी असर ना होना इस बीमारी के लक्षण हैं।

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