लखनऊ,दीपक ठाकुर।उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका में सक्रीय रहे नगर विकास मंत्री आज़म खान वही औदा दोबारा हासिल करने के लिए हर हतकंडे अपना रहे है पार्टी के लिए उनका वोट मांगने का तरीका तो यही साबित कर रहा है कि आजम खान सत्ता से दूर रहने की सोचना भी नहीं चाहते इसी लिए उनके भाषण डराने वाले ज़्यादा दिखाई दे रहे हैं।
पार्टी के प्रचार के लिए आजम खान जितनी भी जनसभा करते है सभी में उनका एक ही मकसद दिखाई देता है कि वो चाहते है कि मुस्लिम वोट सिर्फ और सिर्फ समाजवादी पार्टी के खाते में जाए। इसीलिए वो कई जगह बोल चुके है कि अगर बसपा को वोट दिया तो वो भाजपा से मिल जायेगी इसलिए उससे दूर रहो और अगर भाजपा को दिया तो वो तुम्हारे अधिकारों का हनन करेगी तो उससे भी दूर रहो मतलब ये की बाकी सभी दल मुस्लिम विरोधी है उनकी नज़र में सिर्फ सपा को छोड़कर।
आज़म खान शायद ये नहीं जानते कि बिना सभी के सहयोग से किसी पार्टी का बहुमत में आना नामुमकिन है 2012 में जब सपा सत्ता में आई थी तो उसके पीछे पूरे उत्तर प्रदेश की जनता का समर्थन था किसी एक वर्ग के बूते आप सत्ता पाना सोच भी नहीं सकते।और अगर आपकी पार्टी ने इतना अच्छा काम किया है कि आपका काम बोलता है तो फिर लोगों को दूसरी पार्टी से डराने की क्या ज़रूरत है हर वर्ग आपको वोट करेगा। चुनावी जन सभा में आप मुद्दों की बात करते तो अभी तक नज़र नहीं आये जब भी बोला तो कुछ ऐसा की विवाद का कारण बन जाए।
आजम खान समाजवादी पार्टी में मुस्लिम वोट बैंक की गारंटी माने जाते है पार्टी इस वजह से उनके हर फैसले को तरजीह भी देती है पर अगर आपने मुस्लिम हित की आवाज़ वास्तव में उठाई है और उनके काम आये है तो वो खुदबखुद आपकी पार्टी को वोट करेंगे उन्हें इस तरह से डरा कर वोट मांगने का क्या मतलब है।
मतदान का अंतिम फैसला जनता ही करती है जो गुप्त रहता है अब किसके भाषण और किसके काम को वो पसंद करेंगी ये 11 मार्च की तारीख तय कर देगी तो तबतक आप भी कुछ अच्छी बात कह के देख लीजिए।