एकनाथ खडसे (फाइल फोटो)
बीजेपी नेतृत्व से नाराज चल रहे राज्य के पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने का खुला ऑफर मिला है। यह ऑफर खुद कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सांसद अशोक चव्हाण ने दिया है। मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में अशोक चव्हाण ने कहा कि अगर एकनाथ खडसे, बीजेपी से नाराज हैं और उनकी इच्छा कांग्रेस में आने की है, तो पार्टी उनके बारे में विचार करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर खडसे कांग्रेस में आते हैं, तो यह हमारे लिए खुशी की बात होगी। वहीं दूसरी अशोक चव्हाण ने नारायण राणे के बारे में पत्रकारों के सवालों को गोलमोल जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के नाराज लोगों का कांग्रेस में स्वागत है, लेकिन जो लोग कांग्रेस छोड़कर गए हैं उनके बारे में फिलहाल विचार करने की क्या जरूरत है। एक तरह से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि राणे के लिए कांग्रेस के दरवाजे फिलहाल बंद हैं। बता दें कि बीजेपी नेता एकनाथ खडसे को लेकर इन दिनों काफी चर्चा है। पिछले सप्ताह ही खडसे ने एनसीपी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और उस कार्यक्रम में खडसे और एनसीपी नेता अजित पवार के बीच लंबी चर्चा हुई थी।
तब यह चर्चा चल पड़ी थी, कि खडसे एनसीपी में शामिल हो सकते हैं, लेकिन बाद में खडसे ने ही इन चर्चाओं को यह कहते हुए विराम दे दिया था कि वह बीजेपी में ही रहेंगे, कहीं नहीं जाएंगे। वैसे विधानसभा के हाल ही में नागपुर में संपन्न हुए शीतकालीन सत्र में बीजेपी के प्रति खडसे के तेवर काफी नाराजी भरे थे। उन्होंने सवाल पूछ-पूछ कर अपनी ही पार्टी की सरकार के मंत्रियों को परेशानी में डाल दिया था।
सरकार विरोधी तेवर
खडसे विधानसभा के अनुभवी विधायक है। लगभग हर मंत्रालय की समस्याओं की उन्हें अच्छी जानकारी है। अपनी जानकारी के बल पर वह बीजेपी सरकार के मंत्रियों को इस तरह घेरते हैं कि विपक्ष भी उनका साथ देने लगता है। उनके अनुभव और सरकार विरोधी तेवरों को देखते हुए ही विधानसभा में ही कांग्रेस की विधायक यशोमती ठाकुर ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का न्यौता दे डाला था। खडसे ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि वे कांग्रेस में आ तो सकते हैं, लेकिन 40 साल तक जिस पार्टी (बीजेपी) को उन्होंने महाराष्ट्र में मजबूत बनाया है उसे कैसे छोड़ दें।
दरअसल पुणे के पास भोसरी में एमआईडीसी की एक भूखंड को खडसे ने खरीदा है। विपक्ष ने उन पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाकर इस पूरे व्यवहार को एक बड़ा जमीन घोटाला करार दिया था। इसके बाद खडसे को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तब मुख्यमंत्री ने खडसे पर लगे आरोपों की जांच के लिए झोटिंग समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस रिपोर्ट को निरर्थक बताकर खडसे के खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच को जारी रखने का फैसला लिया।
बीजेपी विधायकों की बैठक में शामिल नहीं हुए
इसके बाद से खडसे को यह पक्का विश्वास हो गया है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जानबूझकर उनका राजनीतिक करियर बर्बाद करने पर तुले हैं। इसके बाद से उनकी नाराजगी के सुर ज्यादा मुखर हो गए हैं। इसी वजह से वह नागपुर में आरएसएस के मुख्यालय में हुई बीजेपी विधायकों की बैठक में नहीं गए थे। हालांकि इसके लिए उन्होंने खराब तबीयत को वजह बताया था, लेकिन सदन की बैठक में खडसे लगातार उपस्थित रहे।
राणे को बीजेपी ने फिर लटकाया
पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के मंत्री बनाने का मामला बीजेपी ने एक बार फिर लटका दिया है। नागपुर में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद राणे ने मीडिया को बताया था कि मुख्यमंत्री ने उन्हें 31 दिसंबर से पहले मंत्रिमंडल में शामिल करने का वादा दिया है, लेकिन 31 दिसंबर गुजरने के बाद भी अब तक मंत्रिमंडल विस्तार की कोई गतिविधि नहीं दिखाई दे रही है।