नोएडा। यूपी में भाजपा की सरकार है, लेकिन इससे अलग मेरठ नगर निगम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दबदबा है। दरअसल, मेरठ में गुरुवार को नगर निगम कार्यकारिणी के 12 सदस्यों का चुनाव हुआ। इसके लिए वोटिंग कराई गई। इसमें काफी चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। चुनाव में भाजपा ने पांच और बसपा ने अन्य संगठनों के साथ गठबंधन कर सीटों पर कब्जा जमाया है। इसके बाद कार्यकारिणी में बसपा गठबंधन का पलड़ा भारी हो गया है। अब कयास लगाया जा रहा है कि उपाध्यक्ष पद पर भी बसपा गठबंधन ही कब्जा कर सकता है, क्योंकि कार्यकारिणी के निर्वाचित 12 सदस्य ही उपाध्यक्ष का चुनाव करेंगे।
चौंकाने वाले नतीजे
जब चुनाव का परिणाम आया तो सब चौंक गए। इसमें बसपा के एक प्रत्याशी कुलदीप को मात्र एक वोट मिला, जिससे वह हार गए। जीतने वाले 12 प्रत्याशियों में भाजपा के पांच, बसपा के पांच, एक सपा तथा एक निर्दलीय शामिल हैं। विजयी उम्मीदवारों को निर्वाचन अधिकारी अपर नगर आयुक्त अली हसन कर्नी ने प्रमाण पत्र दिए। मेयर सुनीता वर्मा का कहना है कि उनके पक्ष के सात उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। लिहाजा, उपाध्यक्ष भी उनका ही बनेगा। उन्होंने कहा कि सभी को साथ लेकर चलेंगे और विकास करेंगे।
सुनीता वर्मा बनी थीं मेयर
गौरतलब है कि निकाय चुनाव में मेरठ से बसपा प्रत्याशी सुनाती वर्मा मेयर चुनी गई थीं। गुरुवार को टाउन हॉल में कार्यकारिणी के 12 सदस्यों के लिए चुनाव हुआ। इसमें 14 लोगों ने नामांकन किया था, जिनमें से 13 का वैध माना गया। इसके बाद शुरू हुए मतदान में 90 पार्षदों के साथ ही भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमर, शहर विधायक रफीक अंसारी, एमएलसी अतर सिंह राव तथा महापौर सुनीता वर्मा ने भी मतदान किया। वहीं, वोटिंग के दौरान बड़ी संख्या ऐसे पुरुष और महिलाएं भी थीं, जो पहली बार सदन में पहुंचे थे। वार्ड 75 की पार्षद जहरा ने मतपत्र को बूथ में ही छोड़ दिया। वहीं, दुर्घटना में घायल पार्षद बीना को गोद में उठाकर मतदान कक्ष तक लाया गया।