लखनऊ,दीपक ठाकुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ काम का बखान करने में नही बल्कि काम करने में यकीन रखते हैं ये बात उन्होंने बेहद कम समय मे जाहिर भी कर दी है। अपने दिनचर्या से लेकर काम काज का पूरा ब्यौरा उन्होंने मीडिया के साथ साझा किया तो ये बात स्पष्ट हो गई कि योगी जी को काम और काम करने वाले लोग ही पसंद है।
आजकल आप सब भी प्रदेश के मुख्यमंत्री के काम काज के बारे में देख सुन रहे ही होंगे तो आपको भी अंदाज़ा हो गया होगा कि वास्तव में मुख्यमंत्री जब काम करने की मंशा से कुर्सी पर आता है तो कैसे कैसे लोगों को काम करने की आदत भी डलवा ही देता है।
अभी तक लोगों के मन मे सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को लेकर ये धारणा बनी थी कि सबसे ज़्यादा आराम में वही लोग है जो दिन में जब मूड हुआ आफिस आये और जब मन किया वहां से निकल लिए क्योंकि पूछने वाला कोई नही था सेटिंग से सरकारी सुविधाओं का मज़ा लिया जा रहा था।
पर जब से सरकार बदली है तब से सब चकरघिन्नी के समान काम करते नज़र आ रहे है शाम पांच बजे तो छोड़िए रात के एक बजे तक काम ही काम कर रहे है इसे कहते है शासन चलाना जब अधिकारी और कर्मचारी के मन मे डर होगा तभी वो काम को सही तौर पर अंजाम भी देंगे वैसे ये बात हर जगह लागू है कि मुखिया सही तो सब सही।
योगीआदित्यनाथ ने वैसे भी कह रखा है कि जिसमे काम की ललक हो वो सरकारी तंत्र से जुड़ा रहे बाकी की कोई जगह नही यही कारण है कि फिलहाल वो इस बात का आकलन करने में व्यस्त हैं कि कौन काम करना चाहता है और किसे आराम दिया जाए।
योगी जी इस रुप से शायद कोई पहले परिचित नही था या ये कहें कि पहले किसी ने उनको इतने नज़दीक से जाना ही नही पर अभी तक जितना हम सबने जाना है उसे देख कर यही लगता है कि देर रात तक काम करने के बाद भी जो ब्रम्हमुहूर्त में निद्रा त्याग दे वो व्यक्ति व्यवस्था परिवर्तन की कुंजी ही माना जायेगा।