सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जातीय हिंसा की घटनाओं की वजह से मोबाइल इंटरनेट और सोशल मीडिया सर्विस पर रोक लगा दी गई है। पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। मतलब कि फेसबुक, वाट्सऐप, ट्विटर, मेल आदि सब बंद। अब सहारनपुर में कुछ भी हो, कोई कितना भी अत्याचार क्यों न कर ले, इसकी सूचना मीडिया या अन्य बाहरी लोगों तक नहीं पहुंच पाएंगी।
सरकार के इस कदम से इलाके के ताकतवर लोग तो खुश हो सकते हैं क्योंकि उनके द्वारा किए अत्याचार की सूचना वहीं दब जाएगी। लेकिन उस समाज का क्या जिस पर अत्याचार होगा? वो अपनी पीड़ा कैसे बताएगा?
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सहारनपुर में जिस तरह की पाबंदियां लगी हैं वैसा प्रतिबंध आमतौर पर कॉनफ्लिक्ट जोन में ही थोपा जाता रहा है! जैसे जम्मू कश्मीर, मणिपुर, असम आदि… तो क्या उत्तर प्रदेश की सरकार सहारनपुर को कॉनफ्लिक्ट जोन घोषित करने वाली है?
बता दें कि पिछले दिनों सहारनपुर में ठाकुरों और दलितों के बीच जातीय संघर्ष छिड़ गया था। इसको लेकर दोनों के बीच हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं। इस हिंसा में दो दलितों की मौत हो गयी वहीं दर्जनों घायल भी हैं। सहारनपुर में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
सहारनपुर के डीएम का कहना है कि असामाजिक तत्व अफवाह फैलाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं। इस वजह से अगले आदेश तक इंटरनेट और सोशल मीडिया सर्विस पर रोक लगाई जा रही है।