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Thursday, December 26, 2024

अच्छे दिन BJP नहीं कांग्रेस की वजह से आएंगे…

 
Urban Development Department contractor employee will be permanent
 
उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार द्वारा सभी नगर निकायों में कार्यरत सफाई कर्मियों को पक्का करने के बाद अब शहरी विकास विभाग ने सफाई कर्मियों से इतर अन्य विभागों में तैनात संविदा कर्मियों को विनियमित करने की योजना तैयार की है।
शहरी विकास संसदीय समिति के अध्यक्ष एवं विधायक राजकुमार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सफाई कर्मियों के साथ ही नगर निकायों में तमाम विभागों के कार्यरत संविदा कर्मचारियों के विनियमितीकरण की मांग की थी।

मुख्यमंत्री रावत ने इस संबंध में शहरी विकास विभाग के अफसरों को प्रस्ताव तैयार करने को कहा था। आखिरकार शहरी विकास विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जिसमें निकायों के संविदा कर्मियों को विनियमित किए जाने की बात कही गई है। प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

नगर निकायों में औसतन पांच हजार संविदाकर्मी

शहरी विकास विभाग के ही अफसरों के मुताबिक यदि प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है तो ऐसे तमाम कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी किया जा सकेगा, जो सेवानिवृत्ति की कगार पर खड़े हैं।

नगर निकायों में संविदा कर्मियों को विनियमित किए जाने के बाद जहां उन्हें भारी वित्तीय लाभ होगा, वहीं सेवानिवृत्ति के उपरांत मिलने वाले दूसरे लाभ भी मिल सकेंगे।

ज्ञात हो कि नगर निकायों में औसतन पांच हजार ऐसे संविदा कर्मी हैं, जो पिछले कई दशक से नियमित किए जाने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नही हो पाया है।

शहरी विकास विभाग के अफसरों ने संविदा कर्मियों के विनियमित करने का प्रस्ताव बेशक तैयार कर लिया है, लेकिन अफसरों को उनके वेतन की भी चिंता सताने लगी है।

सवाल उठता है कि ऐसे सभी कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन और दूसरे भत्तों संबंधी लाभ कैसे दिया जाएगा? जबकि ज्यादातर नगर निकाय वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो तमाम नगर निकायों में कुल मिलाकर 130 करोड़ की देनदारी है, जिसे देने में सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं।

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