नई दिल्ली:केंद्रीय मंत्रिमंडल रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव पर बुधवार को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज ये फैसला लिया गया।
– 1924 से चली आ रही है रेल बजट की परंपरा
– रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि आम बजट में विलय होने के बाद रेलवे को वित्तीय तौर पर आज़ादी मिल पाएगी। साथ में डीवीडेंड के नाम पर करीब 5 से 6 हजार करोड़ रुपये का बोझ नहीं होग। साथ ही वित्त मंत्रीलय के आगे ग्रास बजटरी सपोर्ट के लिए दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा। साथ में सातवें वेतन आयेग का बोझ उठाने में मंत्रालय सहयोग करेगा। जहॉ तक किराया बढ़ाने के अधिकार की बात है उस पर दोनों मंत्रालयों के बीच इस बात की सहमति है कि आगे किराये में संशोधन रेल टैरिफ अथॉरिटी के पास हो। इसके साथ ही रेलवे को नई परियोजाओं, रेलगाडिय़ों और विस्तार योजनाओं की घोषणा करने की पूरी छूट होगी।