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Friday, January 3, 2025

अलीगढ में मरीजो से लूट मचाने के बाद कासगंज में डाला खून चुसैरों ने डेरा

गीतांजलि ने अपने नाम से, तो आराध्या हास्पिटल ने नाम बदल कर रखा दिव्या

कासगंज के एम्बुलेंस संचालको ने बदली थी दोनों हाँस्पिटल मालिकों की तकदीर और तस्वीर

अलीगढ, कासगंज में आराध्या और गीतांजलि कटटीघर के नाम से विख्यात हैं हाँस्पिटल

कासगंज। जनपद के एम्बुलेंस चालको की मदद से अलीगढ में मरीजो के तीमरदारों का दो खून चुसैरों ने डेरा डाल लिया है। यहाँ स्वास्थय विभाग के संरक्षण में बिना रजिस्ट्रेशन के ही दो हाँस्पिटल एंड ट्रामा सेंटरो का फर्जी तरीके से संचालन शुरू कर दिया है। वहीं इन दोनो ट्राँमा सेंटरो के मालिकों को स्वास्थय विभाग और अमरवेल की तरह फैले एंबुलेस संचालक वरदान बनकर साबित हो रहे हैं।
आपको बताते चले कि चिकित्सक सरकारी हो या गैर सरकारी दोनों चिकित्सको को धरती के भगवान का दर्जा दिया जाता है, परंतु कुछ निजी यानि तथाकथित चिकित्सको ने इसे अपनी कमाई का जरिया ढून निकला है। हम बात कर रहे हैं अलीगढ के गीतांजलि हाँस्पिटल ट्रामा सेंटर और आराध्या हाँस्पिटल एडं मल्टी स्पेशलिस्ट ट्रामा सेंटर की। चर्चाएं हैं कि इन दोनों सेंटरो पर मरीजो के तीमरदारों को मामूली सी बीमारी को घातक बताकर बडी बीमारी का रूप देते हैं, उनसे जमकर उगाई करते हैं। ये दोनों सेंटरो ने कासगंज के मरीजों की जमकर अलीगढ़ में धन कमाकर मालिकानो ने बारे के न्यारे कर लिये। अब इन हाँस्पिटल संचालको को अलीगढ में कटटीघर के नाम से जाना जाता है। अलीगढ का कोई भी मरीज हाँस्पिटल में उपचार कराने नहीं आता, जबकि कोरोना महामारी को लेकर कासगंज के हाँस्पिटल संचालको ने भी व्यवस्थाओं को अच्छे से खडा कर दी। इसलिए कासगंज के मरीजों को अलीगढ जाना बंद हो गया।इन्होंने अब अपने अपने हाँस्पिटलो को बंद होते देख कासगंज में डेरा डालना शुरू कर दिया है।

इनसाइड वाँक्स
गीतांजलि ने नाम से तो आराध्या ने नाम बदल कर रखा दिव्या
कासगंज। गीतांजलि हाँस्पीटल एंड मल्टी स्पेशस्लिटी ट्रामा सेंटर ने अपने नाम से ,तो आराध्या हाँस्पिटल ने अपना नाम बदलकर दिव्या हाँस्पिटल रखा दिया है।
बतादें कि गीतांजलि राजकोल्ड तिराहे पर तो दिव्या हाँस्पिटल मामों गांव के निकट खोला गया है।
इन दोनो हाँस्पिटल एंड ट्रामा सेंटरो की बात की जाये तो ये दोनो बिना रजिस्ट्रेशन के स्वास्थय विभाग के रहमोकरम पर संचालित है।दोनो धडल्ले से कासगंज के मरीजों के तीमारदारों से उच्च कोटि के उपचार के नाम पर बिना चिकित्सको के ही नौसिखियो से उपचार कराकर उगाई करा रहे हैं, लेकिन विभाग जानबूझकर अनजान बना हुआ है।

तो वहीं जनपद के प्राईवेट एम्बुलेंस चालक इन मरीजों के लिए एक वरदान बनकर साबित हो रहे हैं। ये एम्बुलेंस चालक मरीजों को हाँस्पिटल पहुंचाने की एवज में दस से 15 हजार रूपये लेते हैं। इन्हें हाँस्पिटल संचालक खुशी खुशी रूपये देकर मरीज के तीमरदारों सेअच्छी खासी और मोटी ठगाई का कार्य शुरू होने का गेम शुरू हो जाता है।दोनो हाँस्पिटल संचालको के पास तीन तीन दर्जन से अधिक एम्बुलेंस हैं, जोकि चालको को स्वयं देकर मरीजो को हाँस्पिटल पहुंचाने का कार्य करती हैं।

आपको बतादें कि कासगंज गीतांजलि और दिव्या हाँस्पिटल में नौसिखियो से कार्य कराया जाता है। यही वजह रही कि गीतांजलि हाँस्पिटल खुलने के चंद दिनो में ही एक नवजात सहित एक वृद्ध की जान जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं।वहीं मौजूद स्टाप से जानकारी की गई तो उन्होंने क्या कुछ बताया आप भी सुनलीजिये
वाइट- सोमेंद्र कुमार
वाइट- राजकुमार बिना डिग्रीधारी स्टाप

वर्जन
ये कहा डिप्टी सीएमओ ने
डिप्टी सीएमओ अभिनाश कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में है किसी का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, मरीज ले रहे थे, इन्हें 12 जुलाई को नोटिस भेज दिया है।अगर इसके वावजूद भी मरीज आते हैं, तो निश्चित कार्रवाई की जायेगी।

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