नई दिल्ली। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (इपीसीए) ने बीएस-3 तकनीक वाले करीब 8.24 लाख वाहनों को खपाने के लिए बिक्री में फर्जीवाडे़ की आशंका जताई है। इपीसीए ने कहा कि अभी डीलर थोक में अपने रिश्तेदारों के नाम पर इन वाहनों की बिक्री दिखा रहे हैं। बाद में इन्हें रीसेल के बाद पंजीकृत करा सकते हैं। कड़ी निगरानी की जरूरत है कि शनिवार एक अप्रैल से सिर्फ बीएस-4 वाहन ही पंजीकृत हो पाएं।
इपीसीए ने सभी राज्यों से एक अप्रैल तक वाहन पंजीकरण की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में जमा कराने को भी कहा है। यह मुद्दा शुक्रवार की शाम इपीसीए कार्यालय में दिल्ली एनसीआर के वायु प्रदूषण पर एक बैठक में उठा। बैठक में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आला अधिकारी उपस्थित थे। इपीसीए सदस्य सुनीता नारायण की इस आशंका पर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी ने बताया कि उनके यहां पर वाहन की खरीद पर उसका बिक्री कर उसी तारीख को ऑनलाइन जमा होता है।
दिल्ली सरकार के अधिकारी ने भी अपने यहां ऐसी ही व्यवस्था बताई। हरियाणा सरकार के अधिकारी ने बताया कि उनके यहां ऐसा ऑनलाइन सिस्टम तो नहीं है लेकिन उन्होंने अपने सभी डीलर को निर्देश दे दिया है कि 31 मार्च को बिकी आखिरी गाड़ी की पूरी जानकारी दी जाए।
ईपीसीए अध्यक्ष डॉ. भूरेलाल और सदस्य सुनीता नारायण ने वाहन निर्माता कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रशंसा करने को भी कहा कि कोर्ट के आदेश से उनका वह बचा हुआ सारा स्टॉक निकल गया, जिसकी बिक्री को लेकर वे परेशान हो रहे थे।