मुंबई, एजेंसी | इंडस्ट्रीज के लिहाज से भले ही उत्तर प्रदेश देश में टॉप पर नहीं है, लेकिन पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा कंपनियां इसी राज्य में खुली हैं। इसके बावजूद राज्य की जीडीपी या मैन्युफैक्चरिंग में कोई बड़ी ग्रोथ नहीं हुई है। डेटा ऐनालिटिक्स फर्म, रजिस्टर्ड कंपनीज की ओर से जुटाई गई जानकारी के मुताबिक फाइनैंशल इयर 2016 में देश में बनी नई कंपनियों में से लगभग 9.2% उत्तर प्रदेश में रजिस्टर हुईं। यह आंकड़ा 6 साल पहले 4.5% था। कंपनी मामलों के मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें से अधिकतर एक लाख रुपये की रजिस्टर्ड कैपिटल वाली प्राइवेट कंपनियां हैं।अगर बिजनस ग्रोथ के प्रमुख संकेत के तौर पर नई बनी कंपनियों के आंकड़े को देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के लिए यह पैमाना भ्रमित करने वाला हो सकता है। इस दौरान नई बनी कंपनियों की कुल संख्या में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 18.6% से गिरकर 17.8%, गुजरात की 5% से 4% हो गई। हालांकि, कर्नाटक में यह आंकड़ा 5.4% से बढ़कर 8.8% और तमिलनाडु में 6.2% से बढ़कर 7.6% पर पहुंच गया। उत्तर प्रदेश का ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रॉडक्ट (GSDP) फाइनैंशल इयर 2012 से 2015 के दौरान 4.9% के कंपाउंडेड ऐनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर यानी चक्रवृद्धि दर) से बढ़ा है, जबकि इस मामले में नैशनल ग्रोथ 6.5% रही। फाइनैंशल इयर 2015 में उत्तर प्रदेश के GDP में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 10.6% रही, जो राष्ट्रीय औसत की लगभग आधी है।
कंपनियों के डेटा पर नजर डालने से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी (IT) सेक्टर्स में सबसे अधिक नई कंपनियां रजिस्टर हुई हैं। फाइनैंशल इयर 2016 में राज्य में खुली कंपनियों में रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन जैसी इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी करीब एक-चौथाई थी। KPMG इंडिया के पार्टनर चिंतन पटेल ने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस ट्रेंड की वजह नोएडा में रेजिडेंशल बूम और पूरे उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की ग्रोथ है। यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ हाइवे इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ के उदाहरण हैं।’
उत्तर प्रदेश में रोड कंस्ट्रक्शन तेजी से हो रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे को 2012 में पूरा किया गया था और आगरा-लखनऊ हाइवे पूरा होने के करीब है। इसके अलावा राज्य में आगरा-कानपुर और नोएडा-बलिया जैसे आठ अन्य बड़े प्रॉजेक्ट बनाने का प्रस्ताव है। ASK प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट अडवाइजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित भगत का कहना है, ‘सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के कारण नोएडा और लखनऊ जैसे शहरों में ग्रोथ की काफी संभावना है। नोएडा में बड़ी संख्या में IT और ITeS कंपनियां मौजूद हैं।’ देश की चौथी सबसे बड़ी IT कंपनी HCL टेक्नॉलॉजीज का हेडक्वॉर्टर नोएडा में है। इन्फोसिस को भी नोएडा में जमीन आवंटित की गई है।