नई दिल्ली – पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जहां मंगलवार को बदसलूकी हुई, तो बुधवार को देश के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की सुरक्षा व्यवस्था तार-तार हो गई। जाट आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनकारी गृहमंत्री के सरकारी आवास में जबरन घुस गए। उन्होंने पुलिस बैरीकेड व मुख्य गेट को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। गृहमंत्री आवास के अंदर ही धरने पर बैठे जाट आंदोलनकारी सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे। गृहमंत्री विदेश दौरे पर हैं। घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने पुलिस आयुक्त को फोन कर नाराजगी जताई। इसके बाद नई दिल्ली जिला पुलिस हरकत में आई। उच्च अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और आंदोलनकारियों को तुगलक रोड थाने लाया गया। ज्ञात हो कि मंगलवार को योजना भवन के गेट पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा के साथ बदसलूकी हुई थी। खींचतान में मित्रा का कुर्ता तक फट गया था।
वहीं पुलिस हिरासत में मौजूद अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि अधिकार न मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि दोपहर करीब साढ़े तीन बजे करीब चार सौ लोग नई दिल्ली स्थित गृहमंत्री के आवास 2 कृष्णा मेनन मार्ग पर पहुंचे। वहां पुलिस की बैरिकेडिंग थी। सतपाल चौधरी के अनुसार पुलिस का घेरा व गृहमंत्री आवास का गेट तोड़कर वे लोग अंदर घुसे। करीब आधे घंटे तक सभी लोग आवास में मौजूद रहे। मलिक ने कहा कि वे जेल जाने से नहीं डरते। पहले भी कई नेताओं के यहां प्रदर्शन किया गया है। वहीं शाम साढ़े सात बजे तक पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों की गिरफ्तारी की औपचारिकता पूरी करती रही।
पुलिस आंदोलनकारियों को बसों के जरिए नई दिल्ली जिले के थानों में लाई। इसके बाद तुगलक रोड थाना परिसर समेत आसपास का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया। थाने की चारदीवारी के साथ-साथ पुलिसबल तैनात किया गया था। थाना परिसर में अलग अलग समूह में पुलिसकर्मी लोगों के नाम व पता दर्ज कर रहे थे। इस दौरान भी आंदोलनकारी नारेबाजी करते रहे। पुलिस के एक आला अधिकारी के अनुसार कार्रवाई जारी है। अभी आधिकारिक तौर पर पुलिस ने आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है।
वीआइपी इलाके में सुरक्षा में सेंध
नई दिल्ली जैसे वीआइपी इलाके की सुरक्षा व्यवस्था में लगातार लगी सेंध से दिल्ली पुलिस सवालों के घेरे में है। योजना भवन के मुख्य गेट पर ममता बनर्जी और अमित मित्रा से बदसलूकी के बाद पुलिस ने यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी कि बनर्जी को वीआइपी गेट से आने को कहा गया था। लेकिन बुधवार को जाट आंदोलनकारी गृहमंत्री के सरकारी आवास में कैसे घुसने में सफल रहे। इसका जवाब किसी पुलिस अधिकारी के पास नहीं है। देर शाम तक पुलिस अधिकारी सुरक्षा मे सेंध पर अपनी गलती छिपाने की तिकड़म भिड़ाने में लगे थे। सूत्रों की मानें तो गृहमंत्री आवास की सुरक्षा के लिए गेट पर दिल्ली पुलिस के 18 जवान तैनात थे। वहां बैरीकेडिंग भी थी। बताया जा रहा है कि शिंदे ने पूरी घटना को बेहद गंभीरता पूर्वक लिया है। उन्होंने मॉस्को से इस मामले में खुद पुलिस आयुक्त नीरज कुमार को फोन किया। गृहमंत्री का फोन आते ही जिला पुलिस उपायुक्त से लेकर संयुक्त पुलिस आयुक्त तक उनके आवास की तरफ दौड़ पड़े। पुलिस आयुक्त भी पल-पल की जानकारी ले रहे थे। लेकिन सवाल उठता है कि जब देश के गृहमंत्री का आवास ही सुरक्षित नहीं है तो जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी है?