नई दिल्ली, एजेंसी। प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे प्रेमी जोडे़ की जमानत याचिका उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर रिहा करने के आदेश दिये हैं।अक्टूबर-2015 में भरतपुर स्थित बजरंग कोलोनी मे प्रोपर्टी डीलर सतीश जाट की हत्या उसकी पत्नि कुसुमा ने अपने प्रेमी रामवीर गुर्जर के साथ मिलकर कर दी थी।
जिला न्यायालय भरतपुर द्वारा दोनो आरोपियों को सतीश की हत्या का दोषी मानते हुये आजीवन कारावास की सजा जून 2017 मे सुनायी थी। आजीवन कारावास की सजा के सत्र न्यायालय के आदेश को अभियुक्त गण ने उच्च न्यायालय मे चुनौती देते हुये अपील दायर की न्यायाधीश एम रफीक एवं केसी शर्मा ने अभियुक्तों के अधिवक्ता एव राजकीय अधिवक्ता के तर्क सुनने एवं रिकार्ड का अवलोकन करने के पश्चात अजीवन कारावास की सजा के दोषी रामवीर, कुसुमा की अपील कड निस्तारण तक जमानत याचिका स्वीकार कर ली। अभियुक्त रामवीर के अधिवक्ता दिनेश पाठक का तर्क था कि अनुसंधान मे ऐसी कोई साक्ष्य नहीं है जो कि रामवीर, कुसुमा के के बीच अवैध सम्बन्ध साबित करते हो और न ऐसा कोई गवाह जो दोनो अभियुक्त को हत्या में शामिल होने की पुष्टि करता हो।अभियुक्तों के वकील के तर्को से सहमत होते हुये आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे अभियुक्त गण को 25, 25 हजार की जमानत एवं 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिये अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता दिनेश पाठक ने पैरवी की।