,छोटी तकिये से जहाँ निकला अलम का जुलूस वहीं नाज़िर पुरा के दुलदुल हाउस से निकला पारम्परिक दुलदुल का जुलूस,शहीदान कर्बला के नायक हज़रत हुसैन की सवारी के रूप में प्रदर्शित किया जाता है दुलदुल की झांकी जो दो दिनों तक दिन और रात करेगा शहर में भर्मण,श्रद्धालुओं द्वारा जुलूस में किया जा रहा मातम वहीं इस जुलूस के दूसरे आकर्षण के रूप में भारी संख्या में अनुयायी जंजीरी मातम करते हुए अपने जिश्म का खून बहा कर दे रहे अपनी श्रद्धा का सबूत,बराबर चल रहे इस जुलूस में दस्ताने कर्बला की याद ताजा कर अंजुमनों द्वारा पेश किया जा रहा है नोहा और मजलिस,,,,,,,