28 C
Lucknow
Friday, December 27, 2024

बाबरी पर आडवाणी, जोशी पर चले केस: CBI 




नई दिल्ली।राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। दरअसल, कोर्ट को तय करना है कि बीजेपी के सबसे सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलाया जाए कि नहीं।

कोर्ट में सीबीआई की ओर से पेश वकील नीरज किशन कौल ने मांग की कि सीनियर बीजेपी नेताओं समेत 14 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलाया जाना चाहिए। कौल ने कोर्ट की डिविजन बेंच से बताया कि इस मामले में दो ट्रायल चल रहे हैं। एक रायबरेली में जबकि दूसरा लखनऊ में। सीबीआई वकील ने कोर्ट को बताया कि लखनऊ ट्रायल कोर्ट में 195 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं और करीब 500 और के होने बाकी हैं। वहीं, रायबरेली के अदालत में 57 गवाहों के बयान हो गए हैं, जबकि 100 से ज्यादा के लंबित हैं। वहीं, कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस केस से जुड़े तथ्यों और हालात को लेकर कई सवाल सीबीआई के वकील से पूछा।


इससे पहले क्या हुआ 
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च को बाबरी विध्वंस मामले में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल में हो रही देरी पर चिंता जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि वह बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराए जाने के मामले में आडवाणी और अन्य लोगों को केवल तकनीकी आधार पर आरोपमुक्त किया जाना स्वीकार नहीं करेगा और उसने उनके खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोप नये सिरे से शुरू करने के विकल्प को भी खुला रखा है। इसके बाद चर्चाएं शुरू हो गई थीं कि इस मामले में सीनियर बीजेपी नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें बीजेपी नेताओं के खिलाफ इस केस में आपराधिक साजिश के आरोपों को हटाने से जुड़े फैसले को बरकरार रखा गया था। छह दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी तो अयोध्या के राम कथा कुंज में मंच पर बीजेपी नेता आडवाणी और कई और कथित तौर पर मौजूद थे। बाबरी विध्वंस केस में एक मामला इन नेताओं के खिलाफ जबकि दूसरा मामला उन लाखों कारसेवकों के खिलाफ है, जो घटना के वक्त विवादित ढांचे के आसपास मौजूद थे।सीबीआई ने आडवाणी और 20 अन्य के खिलाफ दो समुदायों के बीच कटुता बढ़ाने, लोगों को भड़काने, अफवाह फैलाने, शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के आरोपों से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया था। बाद में आपराधिक साजिश की धारा 120बी को भी जोड़ा गया। हालांकि, स्पेशल कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। बाद में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें