सीतापुर-अनूप पाण्डेय,अमरेंद्र पाण्डेय/NOi-
उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर में शिक्षा का खुलेआम उड़ रहा मजाक परिषदीय विद्यालयों की दशा को सुधारने के लिए केंद्र से लेकर के प्रदेश की सरकारें भले ही नित नए नियम कायदे कानून लागू करें परंतु परिषदीय अध्यापकों के लिए यह सारे नियम कायदे कानून कोई मायने नहीं रखते हैं उन्हें न तो बच्चों की पढ़ाई से मतलब है और ना ही तो उनके उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें तो सिर्फ मतलब है सरकार के द्वारा मिलने वाली मोटी रकम से ।
सरकारें परिषदीय स्कूलों में बच्चों की आमद के लिए मिड डे से लेकर के यूनिफॉर्म किताबें और यहां तक कि अब तो स्कूल बैग बर्तन जूते मोजे फ्री में दे रही है ताकि बच्चे ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में आ सकें और उन्हें उचित शिक्षा का हक मिल सके परंतु उनके हक पर सरकार के ही नुमाइंदे यानी परिषदीय अध्यापक ही डाका डालते हुए नजर आते हैं । सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न कि जब अध्यापक ही स्कूलों में समय से या यूं कह लीजिए महीने में 10 दिन ही स्कूल को आएंगे तो परिषदीय स्कूलों में सब पढ़े -सब बढ़े का नारा कैसे साकार होगा?
बात करते हैं सीतापुर जिले के ब्लाक रेउसा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ताहपुर की जहां पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित विद्यालय के अध्यापक विद्यालय में कभी कभार ही स्कूल खोलने आते हैं प्रधानाचार्य की दबंगई का आलम यह है कि ग्राम प्रधान के द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत कराये जाने के बाद भी वह महीने में 10 दिन ही विद्यालय को आते हैं और बाकी के 20 दिन विद्यालय बंद रहता है।
विद्यालय में प्रधानाचार्य सहित चार अध्यापक मौजूद है परंतु वह भी प्रधानाचार्य के नक्शे कदम पर चलते हुए विद्यालय को नहीं आते हैं इस प्रकार विद्यालय में ताला लटकता रहता है जब इसकी खबर की शिकायत ग्राम वासियों एवं प्रधान ने न्यूज वन इंडिया चैनल को दी तो न्यूज वन इंडिया चैनल ने मौके पर जाकर विद्यालय का मुआयना किया और खबर को सत्य पाया गया।
न्यूज वन इंडिया की टीम 1:35 पर विद्यालय को पहुंची तो विद्यालय में ताला लटकता मिला टीम ने जब ग्राम प्रधान से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यह विद्यालय कभी कभार ही खुलता है प्रधानाचार्य सहित अध्यापक महीने में 10 दिन ही विद्यालय को खोलते हैं एवं बच्चों के भविष्य के साथ में खिलवाड़ किया जा रहा है ग्राम प्रधान ने विद्यालय समय से खोले जाने की मांग की है एवं ऐसे भ्रष्ट अध्यापकों को हटवाए जाने की मांग की है।