बोस्टन बम हमलों के संदिग्ध झोकर सरनाएव को मौत की सजा हो सकती है.
सरनाएव पर अमेरिका में लोगों और संपत्ति के विनाश के लिए हथियार का उपयोग करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है और इन आरोपों में दोषी पाए जाने पर उसे मौत की सजा हो सकती है.
व्हाइट हाऊस ने कहा है कि सरनाएव ‘दुश्मन का लड़ाका’ नहीं है इसलिए उसके खिलाफ सैन्य कानून के तहत सुनवाई नहीं हो सकती है. उसके बाद यह आरोप तय हुए हैं.
व्हाइट हाऊस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने कहा कि वह दुश्मनों का सिपाही नहीं है. हम उसके खिलाफ वर्तमान कानून के तहत ही सुनवाई करेंगे. जब बात अमेरिकी नागरिक की हो तो उसके खिलाफ सैन्य कानून के तहत सुनवाई करना कानून के खिलाफ है.
इस हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई की जिम्मेदारी दो अटॉर्नी को सौंपी गई है. उनमें से एक भारतीय मूल के अमेरिकी हैं.
जॉन्स हॉकिंस कॉलेज के स्नातक और एमोरी लॉ कॉलेज के छात्र रहे आलोक चक्रवर्ती मेसाचुसेटस जिले के सहायक अटॉर्नी जनरल हैं.