रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अरबपति मुखिया मुकेश अंबानी ने लगातार पांचवे साल कंपनी से अपना वेतन 15 करोड़ रुपये पर सीमित रखा है.
इस दौरान उन्होंने 24 करोड़ रुपये का मेहनताना छोड़ दिया.
रिलायंस के शेयरधारकों ने जितना वेतन उनके लिये मंजूर किया है उसमें से उन्होंने केवल 15 करोड़ रुपये का वेतन ही लिया.
निजी क्षेत्र की इस सबसे बड़ी कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने 2008-09 से अपना वेतन सालाना 15 करोड़ रुपये पर स्थिर रखा है.
आरआईएल की वर्ष 2012-13 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार ‘अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का मेहनताना शेयरधारकों की मंजूरी प्राप्त 38.93 करोड़ रुपये के बजाय 15 करोड़ रुपये पर ही रखा गया. इस प्रकार उन्होंने प्रबंधन स्तर पर वेतन मामले में सुधार अथवा नरमी बरते जाने का उदाहरण पेश किया है.’
मुकेश अंबानी पिछले वित्तवर्ष के दौरान 38.93 करोड़ रुपये के वेतन के हकदार रहे हैं लेकिन उन्होंने केवल 15 करोड़ रुपये का ही वेतन लिया.
इस प्रकार उन्होंने 23.93 करोड़ रुपये की राशि कंपनी में छोड़ दी. इससे पिछले वर्ष भी अंबानी ने 23.82 करोड़ रुपये की राशि कंपनी में छोड़ दी.
वर्ष 2012-13 के दौरान उनके वेतन में 4.16 करोड़ रुपये मूल वेतन, 60 लाख रुपये भत्ते और अन्य लाभ, 89 लाख रुपये सेवानिवृति लाभ और 9.35 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर शामिल हैं.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी के वेतन को उचित स्तर पर रखने की बहस के बीच अंबानी के वेतन को 15 करोड़ रुपये पर सीमित रखने का फैसला अक्टूबर 2009 में लिया गया.