न्यूयार्क। अमेरिका के करीब 50 फीसदी बच्चे अपने घर में सुरक्षा की दृष्टि से रखी हुई बंदूक या पिस्तौल के साथ खेलते हैं। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। अध्ययन के मुताबिक, ज्यादातर माता-पिता ने कहा कि वे इस बारे में बात करने के लिए तैयार हैं। लेकिन एक तिहाई माता-पिता जो बंदूकें रखते थे, वे इस बारे में पूछा जाना पसंद नहीं कर रहे थे। वे इस बात को अपने अपमान की तरह ले रहे थे। यहां तक कि उन्होंने बंदूकों को घर से हटाने की चिकित्सकों की सलाह को भी खारिज कर दिया।
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर जेन एम. गारबट का कहना है कि बंदूकों को लेकर माता-पिता और चिकित्सकों के बीच बातचीत होनी चाहिए। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। चिकित्सकों को डर है कि अगर वे ऐसा करेंगे तो उनके मरीज भाग जाएंगे और कई राज्यों में चिकित्सकों को कानूनी प्रतिबंध का सामना करना पड़ता है।
शोधकर्ताओं ने शहरी, अर्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले करीब 1,246 माता-पिताओं से बातचीत कर यह निष्कर्ष निकाला है। 36 फीसदी ने स्वीकार किया कि उनके घर में बंदूकें हैं और इनमें से एक तिहाई माता-पिताओं के पास एक से ज्यादा बंदूकें भी थीं।
वहीं, 14 फीसदी माता-पिता जिनके पास बंदूकें नहीं थीं, उन्होंने स्वीकार किया कि उनके बच्चे नियमित रूप से उन रिश्तेदारों या मित्रों के घर अक्सर जाते रहते हैं, जिनके यहां बंदूकें होती हैं।
20 फीसदी से कुछ अधिक माता-पिताओं ने स्वीकार किया वे अपनी गोली-बंदूक को बच्चों की पहुंच वाले स्थानों पर रखते हैं, जबकि 25 फीसदी ने जानकारी दी कि उनकी बंदूकें हमेशा भरी होती हैं। वहीं, 14 फीसदी ने माना कि उनकी बंदूकें उनके बच्चों की पहुंच में होती है।
18 फीसदी बंदूक मालिकों/मालकिनों ने स्वीकार किया कि जब वे अपने घर से निकलते हैं, तो हथियार को पर्स, बैग, कमर में लटकार या कार में रखकर चलते हैं। अमेरिका में हुआ यह यह शोध ‘द जर्नल ऑफ पेडियाट्रिक्स’ में प्रकाशित किया गया है।