घाना यूनिवर्सिटी परिसर में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटाने की मांग उठी है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में अपने दौरे के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ घाना को महात्मा गांधी की प्रतिमा भेंट की थी। इसे विश्वविद्यालय परिसर में लगाया गया है।
गांधी जी को बताया काफिर
अब करीब तीन महीने बाद कुछ छात्रों और प्रोफेसरों ने इसे हटाने की मांग की है। इन लोगों की दलील है कि गांधीजी ने अपने शुरुआती लेखन में अश्वेत अफ्रीकियों का ‘काफिर’ के रूप में जिक्र किया है।
यह उनकी ‘नस्लवादी’ मानसिकता को दर्शाता है। प्रतिमा हटाने के लिए प्रोफेसर अकोसुआ अडोमाको अंफोपो के नेतृत्व में अभियान शुरू किया गया है।
गांधी मस्ट फाल के लगे नारे
इसके तहत आयोजित प्रदर्शनों में ‘गांधी मस्ट फाल’ और ‘गांधी फॉर कम डाउन’ जैसे नारे लगाए जा रहे हैं। अंफोपो इंस्टीट्यूट ऑफ अफ्रीकन स्टडीज के पूर्व निदेशक हैं। छात्रों और प्रोफेसरों ने एक ऑनलाइन याचिका भी दाखिल की है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ घाना काउंसिल के सदस्यों और चेयरमैन वामेना अहवोई को संबोधित है।