NOI ब्यूरो. कोरोना के कारण जब आप दो वक़्त कायदे के खाने तक इंतजाम नहीं कर पा रहे हों, दुख मुसीबत के लिए जोड़ी गई आपकी पाई-पाई लेकर कोई फरार हो जाए तो कैसा लगेगा। कैसा लगेगा जब आप शिकायत लेकर कोतवाली जाएं और केस तक नहीं लिखा जाए।
इखलाख हुसैन, ओम प्रकाश सिंह और अनूप कुमार मजूमदार के साथ ऐसा ही हो रहा है। तीनों क्रमशः राजधानी लखनऊ की रुस्तम विहार कॉलोनी और कृष्णा नगर के रहने वाले हैं।
थाना विकास नगर को दी गई तहरीर में तीनों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने लखनऊ के टेढ़ी पुलिया के पास स्थित VEG Mart, VG Gold और VGE Share में इन्होंने 23 लाख रुपए लगाए थे। कंपनी पैसों की गलत तरीके से अपनी फर्म में निवेश करती गई। पीड़ितों को इसकी जानकारी नहीं थी।
करार के तहत निवेशकों को मूल पैसों पर 3 प्रतिशत ब्याज और जरूरत पड़ने पर पूरे पैसे निकालने का प्रावधान था।
आरोपी कंपनी के मालिक सीतापुर के रहने वाले हरनाम सिंह यादव और शरद कुमार हैं। पीड़ितों ने अपनी शिकायत में इनके सहयोगी सुशील कुमार को भी नामजद कराया है।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, कंपनी के कुछ माह तक निवेश का लाभ देने के बाद दिसंबर 2019 से पैसे देने बंद कर दिए। टालमटोल के बाद अब जब मूल पैसे लौटाने की मांग की जाती है तो जान से मारने की धमकी मिल रही है। पीड़ितों का कहना है कि शिकायत के बावजूद पुलिस केस नहीं दर्ज कर रही है।