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Monday, December 30, 2024

राम मंदिर: श्री श्री आज अयोध्या में निर्मोही अखाड़ा, राम जन्मभूमि न्यास और बाबरी मस्जिद के पैरोकारों से करेंगे बात


नई दिल्ली: राम मंदिर के फार्मूले पर बातचीत करने के लिए आज आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या पहुंच रहे हैं। रविशंकर अयोध्या में निर्मोही अखाड़ा, राम जन्मभूमि न्यास और बाबरी मस्जिद के पैरोकारों से बात करेंगे। अगर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सदस्य चाहेंगे तो उनसे भी मुलाकात हो सकती है। श्री श्री रविशंकर का सभी पक्षों ने स्वागत किया है, लेकिन उन सबके अपने सवाल भी हैं।

राम जन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास दास वेदांती ने कहा है कि राम मंदिर मुद्दे पर सुलह समझौता तभी होगा जब राष्ट्रीय सेवक संघ और राम जन्म भूमि न्यास चाहेगा। हालांकि अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के अयोध्या दौरे पर उन्होंने कहा कि उनका स्वागत है जैसे कि हर कोई भगवान राम के दर्शन को आते हैं वह भी आएं। लेकिन सुलह के प्रयासों से पहले उन्हें न्यास और संघ से मिलना होगा।

डॉ. वेदांती ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि श्री श्री रविशंकर मध्यस्थता करने के लिए अयोध्या आएं लेकिन सबसे पहले मक्का के मदीना इमाम, हैदराबाद के इमाम, दिल्ली के इमाम, कश्मीर के इमाम से फतवा जारी करवाएं की अयोध्या में भव्य रामलला का मंदिर बनवाया जायेगा तभी उनका स्वागत किया जायेगा।

श्री श्री लखनऊ पहुंचे जहां उन्होंने सीएम योगी से मुलाकात की, माना जा रहा है कि श्री श्री ने अपने फार्मूले के बारे में सीएम योगी को बताया। लखनऊ में सीएम योगी और श्री श्री रविशंकर की मुलाकात करीब पचास मिनट तक चली, इससे पहले शिया वक्फ बोर्ड भी सीएम योगी से मिल चुका है, बुधवार को जब श्री श्री ने मुलाकात खत्म की तो ये उम्मीद जताई की फार्मूला निकल जाएगा।

श्री श्री रविशंकर ने बुधवार को कहा कि मध्यस्थता करने वाले कोई प्रस्ताव लेकर नहीं जाते हैं और अभी सभी पक्षों से खुले दिल से बातचीत हो रही है। श्री श्री दोपहर में डालीगंज इलाके में पत्रकारों से बात कर रहे थे। श्रीश्री ने कहा, “अयोध्या में वे सभी साधु-संतों से मिलेंगे।” सुलह के फार्मूले को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि सौहार्द्र कायम हो। अभी सुन्नी वक्फ बोर्ड से बात नहीं हुई है।

वहीं शिया वक्फ बोर्ड अपना प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में देकर कह चुका है कि राम मंदिर जन्मभूमि पर ही बनेगा और मस्ज़िद बाहर बना दीया जाए। पांच दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई करेगा। इस बीच देखना ये है कि श्री श्री रविशंकर की मुहिम क्या रंग लेकर आती है।

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