नई दिल्ली NOI। इस साल के दौरान सेहत के लिहाज से आप कई अहम शुरुआत की उम्मीद रख सकते हैं। देश भर के सरकारी अस्पतालों में इस दौरान आवश्यक दवाओं की मुफ्त व्यवस्था हो सकेगी। इसी तरह जरूरी डॉक्टरी सलाह हासिल करने के लिए मुफ्त हेल्पलाइन भी इसी वर्ष के दौरान शुरू कर लेने की तैयारी है। इसी तरह मेडिकल उपकरणों की मंजूरी प्रक्ति्रया को आसान करने का जरूरी कदम तो अगले एक महीने के अंदर ही उठाया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अस्पतालों में मुफ्त दवा उपलब्ध करवाने की योजना को लागू करने की घोषणा पिछले कुछ महीनों के दौरान लगभग सभी राज्यों ने कर दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्र कहते हैं कि इस वर्ष के दौरान सेहत के मोचरें पर यह अहम प्रगति होगी। राज्यों ने इसके लिए जरूरी तैयारियां करते हुए यह भी निर्धारित कर लिया है कि किस स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में कितनी दवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। अधिकांश राज्यों ने खरीद की आईटी आधारित व्यवस्था और आपूर्ति प्रबंधन श्रंखला भी तैयार कर ली है।
इस वर्ष के दौरान सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में अनावश्यक भीड़ को घटाने और लोगों को घर बैठे डॉक्टरी सलाह उपलब्ध करवाने के लिए इस साल ‘डॉक्टर ऑन कॉल’ व्यवस्था भी शुरू हो सकती है। इसके तहत लोग टोल फ्री नंबर 1075 पर चौबीस घंटे में कभी भी फोन कर सलाह ले सकेंगे। हिंदी अंग्रेजी सहित कुल 23 भाषाओं के इस कॉल सेंटर को शुरू करने के लिए निविदा प्रक्ति्रया शुरू हो चुकी है। इसी तरह तकनीक का उपयोग बढ़ाते हुए बड़े सरकारी अस्पतालों में अप्वाइंटमेंट के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू हो चुकी है। अब तक 61 बड़े सरकारी अस्पतालों ने इस व्यवस्था को अपनाया है। इस साल इस संख्या में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है।
मेडिकल दाखिले के नियमों में बदलाव की तैयारी भी रंग दिखा सकती है। ऐसा हुआ तो प्राइवेट कॉलेजों में डोनेशन ले कर होने वाले एडमिशन बंद हो सकेंगे और सारे दाखिले सिर्फ सरकारी काउंसलिंग के जरिए ही होंगे। गांवों में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर ज्यादा जाएंगे, क्योंकि दुर्गम जगहों पर तीन साल की सेवा के बाद उनके लिए डॉक्टरी के पीजी पाठ्यक्त्रम में प्रवेश बेहद आसान हो जाएगा। नई सरकार के आते ही शुरू किए गए मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण के कवरेज को बढ़ाने पर काफी जोर दिया जा रहा है। उम्मीद की जा सकती है कि इस साल भी यह रफ्तार तेजी से आगे बढ़ेगी। नियामक प्रक्ति्रया को आसान बनाने पर मोदी सरकार के जोर का असर यहां भी दिखेगा। अगले कुछ हफ्तों के अंदर ही मेडिकल उपकरणों को मंजूरी देने की दशकों पुरानी प्रक्ति्रया में बड़ा बदलाव देखा जा सकेगा।