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Monday, December 23, 2024

सीएम योगी का आदेश, मायाराज में हुए 11 हजार करोड़ घोटाले की होगी जांच

 suger mills sale in Mayawati regime to be investigated.

नई दिल्ली, एजेंसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मायावती सरकार में राज्य चीनी निगम की 21 चीनी मिलों को बेचने में हुए 1180 करोड़ रुपये के घोटाले को गंभीरता से लेते हुए इसकी गहन जांच कराने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इस घोटाले की सीबीआई से जांच कराने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बंद पड़े सहकारी चीनी मिलों को सीजन 2018-19 में चालू कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।

योगी आदित्यनाथ शुक्रवार रात गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग का प्रजेंटेशन देखने के बाद अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010-11 में 21 चीनी मिलों को बेचने में 1100 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इसकी गहन जांच के निर्देश देते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ने पर इस मामले की जांच सीबीआई से भी कराई जा सकती है। किसी भी व्यक्ति को सरकार की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचने का कोई अधिकार नहीं है। जनता की संपत्ति का दुरुपयोग कतई नहीं होने दिया जाएगा।

भुगतान न करने पर मिल मालिकों के खिलाफ एफआईआर

सीएम ने कहा कि पेराई सत्र 2016-17 के अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान आगामी 23 अप्रैल तक किसानों को प्रत्येक दशा में कराने के निर्देश दिए। कहा कि बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान न करने वाले गन्ना मिल मालिकों के विरुद्ध नियमानुसार एफआईआर दर्ज कराकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि विभागीय गन्ना मंत्री अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान निर्धारित अवधि में कराने के लिए संबंधित मिल मालिकों की बैठक बुलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बंद सहकारी चीनी मिलों को आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 में चालू कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं एवं कार्यवाहियां समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।

हर साल 116 आदर्श गांव विकसित करें

योगी आदित्यनाथ ने गन्ना विभाग को हर साल 116 गांवों का चयन कर उन्हें चीनी मिलों से आदर्श गांव के रूप में विकसित कराने के निर्देश दिए। इस तरह पांच सालों में 580 आदर्श गांवों का विकास किया जाएगा। कहा कि माह में एक बार समिति स्तर पर गन्ना किसान दिवस का आयोजन किया जाए। गन्ना शोध से संबंधित केंद्र एवं राज्य के वैज्ञानिकों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाए। गन्ना विभाग के सभी कर्मचारियों की बायोमीट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज की जाएगी।

तत्कालीन लोकायुक्त ने दी थी क्लीन चिट

मायावती सरकार में हुए 1180 करोड़ रुपये के चीनी मिल बिक्री घोटाले की जांच पिछली अखिलेश यादव सरकार ने नवंबर 2012 में लोक आयुक्त को सौंपी थी। तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने डेढ़ साल से ज्यादा समय तक जांच भी की, लेकिन नतीजा सिफर रहा। जुलाई 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजी गई अपनी जांच रिपोर्ट में लोकायुक्त ने चीनी मिलों की बिक्री में सरकार को लगी 1180 करोड़ रुपये की चपत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था।

लोकायुक्त ने सरकार को इस मामले में विधानमंडल की सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति व सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन एसएलपी पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने की सिफारिश की थी। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

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