इस्लामाबाद। हाल ही में स्वदेश वापसी करने वाले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू हो गया है। शनिवार को संघीय जांच एजेंसी (एफआइए) ने अप्रवासन अधिकारियों को निर्देश भेजा है कि किसी भी हाल में मुशर्रफ को देश न छोड़ने दिया जाए।
बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में कई बार समन भेजने के बावजूद अदालत में न आने के बाद पूर्व राष्ट्रपति को अदालत पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है। मुशर्रफ पर 2006 में सेना के अभियान के दौरान बलूच नेता अकबर बुगती की हत्या आरोप भी है। पूर्व सेना प्रमुख चार साल तक देश से बाहर रहने के बाद 24 मार्च को ही आम चुनाव में अपनी पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग का नेतृत्व करने के लिए देश लौटे हैं। उन्होंने तीन सीटों कराची, चित्राल व इस्लामाबाद से अपना नामांकन भरा है।
टीवी रिपोर्टो के मुताबिक, एफआइए ने सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के अधिकारियों को इस बाबत सूचित कर दिया है। एफआइए का लिखित निर्देश एयरपोर्ट अधिकारियों को मिल चुका है। सिंध हाई कोर्ट ने एक दिन पहले ही आदेश दिया था कि मुशर्रफ (69) बिना अनुमति के पाकिस्तान छोड़कर नहीं जा सकते। कोर्ट के आदेश के बाद आनन-फानन एफआइए ने एयरपोर्टो को इस बारे में सूचना भेज दी।
इस बीच, वरिष्ठ पीएमएल-एन नेता अहसान इकबाल ने मुशर्रफ को राष्ट्रीय अपराधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व तानाशाह के अपराधों की सजा अदालत उन्हें जरूर दे। मुशर्रफ के गुनाहों की सूची बहुत लंबी है। वह देश को बर्बादी की कगार पर पहुंचा कर छोड़ गए थे। मुशर्रफ 1999 में पीएमएल-एन सरकार का ही सैन्य तख्तापलट कर सत्ता में आए थे।