लखनऊ, दीपक ठाकुर। गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज में बच्चो के साथ हुई त्रासदी की वजह जांच रिपोर्ट में भी वही निकली जिसकी चर्चा मीडिया शरुआत से ही कर रहा था।डीएम ने जो अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी है उसमें साफ कहा गया है कि जीवन रक्षक दवाइयों की आपूर्ति का जिम्मा जिस कम्पनी को दिया गया था उसने आक्सीजन की सप्लाई बाधित कर मासूमो की जान से खिलवाड़ किया है वही लॉग बुक के प्रभारी डॉ सतीश को भी इसलिए दोषी माना है क्योंकि उन्होंने ना तो अपने काम के प्रति ज़िम्मेवारी ही दिखाई और ना ही संवेदनशील मुद्दे को उच्चस्तर अधिकारियों तक पहुंचाया।
चलिये इस जांच रिपोर्ट ने एक बात तो साबित कर दी कि मीडिया बिना किसी ठोस जानकारी के किसी बात को नही उठाता मगर सरकार ने मीडिया की इस बात को सिरे से खारिज कर मौत की वजह को घुमाने का जो प्रयास किया उससे इसमें सरकार का लचीलापन भी ज़ाहिर होता है।
अब बात आती है डॉ कफील की जिन्होंने उस दौरान आक्सीजन की कमी को पूरा करने का प्रयास करते हुए खूब तारीफ बटोरी मगर दूसरे ही पल वो किसी विलेन से कमतर नही लगे जिस तरह का प्रचार उनके लिए किया गया खैर उनपर लगे आरोप तो जांच के बाद साबित ही हो जाएंगे लेकिन अभी जो जांच रिपोर्ट आई है उसमें उनका कही भी ज़िक्र नही है और जिनका है उन पर सरकार किस तरह का एक्शन लेगी ये देखने वाली बात होगी क्योंकि मामला देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का है।