लखनऊ,अनूप पाण्डेय:NOI। बहुजन समाज पार्टी बसपा से भ्रष्टाचार समेत कई आरोपों में बाहर किए गए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी ने पार्टी सुप्रीमो मायावती व राष्ट्रीय महासचिव सतीष चंद्र मिश्रा के खिलाफ बगावती तेवर में आ चुके हैं। पार्टी से निकाले जाने के बाद उन्होंने कहा है कि जिन आरोपों में उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है, वही आरोप मैं मायावती और सतीष चंद्र मिश्रा के ऊपर साबित करूंगा। उन्होंने कहा है कि जो गलती मैंने की ही नहीं, उसकी सजा मैं क्यों भुगतू। नसीमुद्दीन ने कहा कि मैं सबूत के साथ गुरुवार को जनता के बीच आऊंगा और मायावती एंड कंपनी के ऊपर सभी आरोप साबित करूंगा।
पार्टी द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद व साजिशन हैं
पार्टी के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन ने कहा कि अभी मैं राजधानी से बाहर हूं। लखनऊ आने के बाद अपने ऊपर लगे आरोप को गलत साबित करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं प्रमाण के साथ यह भी साबित करूंगा कि पार्टी द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद व साजिशन हैं। नसीमुद्दीन ने कहा कि इस निष्कासन से मेरे व मेरे परिवार की और मेरे सहयोगियों की बहुजन समाज पार्टी में 34-35 साल की कुर्बानी का सिला मुझे दिया गया है। मैंने इस मिशन के लिए और मायावती के लिए खासतौर पर इतनी कुर्बानी दी है, जिसकी मैं गिनती नहीं कर सकता।
कई बार मुझे मानसिक प्रताडऩा दी गई
पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया है कि मायावती, उनके भाई आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा अवैध रूप से, अनैतिक रूप से और मानवता से परे कई बार ऐसी मांगें की गई, जो मेरे बस में नहीं थीं। कई बार मुझे मानसिक प्रताडऩा दी गई, टार्चर किया गया, जिसके पुख्ता प्रमाण मेरे पास हैं।
मैं अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा सका
नसीमुद्दीन ने साल 1996 का उदाहरण देते हुए कहा कि उस साल विधानसभा चुनाव में मायावती बदायूं की बिल्सी से चुनाव लड़ रही थीं। वह उस चुनाव के प्रभारी थे। उनकी इकलौती बेटी की बांदा में तबीयत खराब हो गई थी, लेकिन मायावती ने उन्हें स्वार्थवश वहां जाने नहीं दिया। मैंने आदेश माना आखिरकार उनकी बेटी ने दम तोड़ दिया। यही नहीं, मैं अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा सका।
मायावती ने मुसलमानों के लिए अपशब्द कहे, मैंने विरोध किया
सिद्दीकी ने कहा कि 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव और 2012 व 2017 के विधानसभा चुराव में पार्टी को मायावती की गलत नीतियों के कारण हार का मुंह देखना पड़ा। उन्होंने मुसलमानों पर बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाए। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से काफी पहले से मैंने पार्टी के लिए जो प्रयास किए, उसी का नतीजा था कि बसपा को 22 प्रतिशत से अधिक वोट मिले, नहीं तो स्थिति और बदतर होती। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव हारने के बाद बसपा सुप्रीमो ने मुझे बुलाया और अपर कास्ट, बैकवर्ड को बुरा भला कहने के साथ ही खासतौर पर मुसलमानों के लिए अपशब्द कहे, जिसका मैंने विरोध किया।
मेरी कुर्बानी का अच्छा तोहफा मिला है
पार्टी के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि पार्टी से निकाले जाने के बाद मैं काफी व्यथित हूं। इससे ज्यादा कष्ट इस बात का है कि पार्टी के लिए मेरी कुर्बानी का मुझे यह बड़ा तोहफा मिला है। मैं अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का जवाब बतौर प्रमाण के साथ दूंगा और साबित करूंगा कि जो भी आरोप मेरे ऊपर लगे हैं, वह गलत हैं।