28 C
Lucknow
Thursday, December 26, 2024

​बिहार में आखिरकार खिल ही गया कमल…


लखनऊ, दीपक ठाकुर। बिहार में सत्ता से बाहर होना फिर अधिक सीट पाने पर भी कुर्सी से दूर रहना बिहार की भाजपा इकाई के लिए काफी कष्टदायक रहता था कभी जिनके साथ मिलकर कुर्सी सम्भाली थी फिर उन्ही को जी भर के कोसना भर ही भाजपा का एक सूत्रीय कार्यक्रम रह गया था लगता था कि नीतीश ने पता नही भाजपा से क्या छीन लिया जो इतनी टीस निकल रही है पर समय देखिए कैसे बदलता है वही नितीश जो पहले धोकेबाज़ कह के सम्बोधित किये जाते थे वो फिर से दोस्त बन गए वो भी गहरे वाले मानो कभी कोई गिला शिकवा रहा ही नही।

 सब कमाल कुर्सी का है भाई अब जब नीतीश की दिलेरी से सत्ता सुख दोबारा मिल रहा है तो शिकवा गिला किस बात का अब तो बिहार के सुशासन की बात हो रही है मुख्यमंत्री वही है जिसके पहले के कार्यकाल को जंगलराज कहा जा रहा था क्यों क्योंकि खुद कुर्सी से दूर थे आज कुर्सी मिलने की या यूं कहें कि सरकार में भागीदारी की बात है तो इसे जनता की आवाज़ करार दे दिया क्या बात है इन राजनेताओं का मुखड़ा और दुखड़ा कभी एक सा नही रहता समय और परिस्थिति इनको हर पल बदलने की प्रेरणा देती रहती है।

चलिये भाजपा के लिए बिहार में नीतीश का इस्तीफा उनका ज्वाइनिंग लेटर बन कर आया है तो उम्मीद यही की जानी चाहिए कि वाकई अब इस सरकार में कमल खिला है तो खुशबू से बिहार महकेगा पुरानी गंध दूर होगी और सुशासन पर ही ज़ोर होगा।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें