नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में किराए के मकान पर रहने वाले लोगों को दिल्ली सरकार आने वाले दिनों में बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। दरअसल, गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में एक मीटिंग हुई जिसमें बिजली विभाग ने यह सुझाव दिया है कि किराएदारों को अलग से पॉर्टेबल मीटर लगवाने की छूट दी जाए। इससे उन किराएदारों को फायदा पहुंचेगा जो किसी बिल्डिंग के सिर्फ एक ही फ्लोर पर रहते हैं। पॉलिसी लागू होने से उन्हें सिर्फ उसी फ्लोर का बिल देना होगा।
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सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार खुद सितंबर तक इस पॉलिसी को लागू करना चाहती है। हालांकि, पहले सरकार को दिल्ली के इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन से इसके लिए हरी झंडी का इंतजार करना होगा। सीएम केजरीवाल ने इलाज के लिए बेंगलुरु जाने से पहले यह अहम मीटिंग ली थी। बता दें कि दिल्ली सरकार की कुछ फाइलों पर साइन लेने और आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल को खत्म कराने का आग्रह लेकर केजरीवाल एलजी हाउस में धरने पर बैठे थे। इस धरने में दिल्ली सरकार के मनीष सिसोदिया, गोपाल राय और सत्येंद्र जैन उनके साथ थे।
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तबीयत बिगड़ने की वजह से सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को धरना बीच में छोड़ना पड़ा था। बाद में सहमति बनने के बाद केजरीवाल ने भी धरना खत्म कर दिया था। हालांकि, उनका शुगर लेवल बढ़ गया था, जिसका इलाज करवाने के लिए वह बेंगलुरु जा रहे हैं।
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किराएदारों ने की थी शिकायत
दिल्ली सरकार को शिकायत मिली थी कि मकान मालिक किराएदारों को बिजली सब्सिडी का फायदा नहीं लेने देते।
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दरअसल, दिल्ली सरकार उन उपभोक्ताओं को 66 प्रतिशत तक बिजली बिल में सब्सिडी देती है जिन्होंने महीने में 400 युनिट से कम इस्तेमाल की होती हैं।
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अब अगर पॉर्टेबल मीटर की पॉलिसी लागू हो गई तो सबसे ज्यादा फायदा मध्यमवर्गी परिवार और कच्ची कालोनियों के लोगों को होगा, इन्हें आप का मुख्य वोटबैंक माना जाता है।
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