शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- सरकार द्वारा जमीनों पर काबिज लोगो को उखड़ फेकने की नीति ने 36 साल के लंबे इंतजार और 2 तहसीलों के बीच भाग दौड़ और दर्जनों पत्रों के बाद अब जाकर ग्रामीणों को उनके पट्टो पर कब्जा मिल सका। 34 साल बाद जब पट्टो पर कब्जा मिला तो ग्रामीणों की खुश का ठिकाना न था। ग्रामीण ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी सहित तहसीलदार का धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
डीएम की पहल पर मिला न्याय:-
दरसल मामला सिंगाही खुर्द गांव का है। जहां पर 1982 में कुल 14 लोगों को जोत की जमीन पर पट्टे आवंटित किए गए थे। लेकिन तभी पड़ोसी जिले पीलीभीत के लोग और अधिकारियों ने यह कहकर कब्जा नहीं होने दिया कि यह जमीन पीलीभीत जिले के पूरनपुर तहसील में पड़ती है। इससे मामला लटक गया और पट्टे मिलने के बावजूद ग्रामीणों को कब्जा नहीं मिल सका। तब से यह लोग कभी पूरनपुर आते तो कभी तहसील जाते हैं और अपनी फरियाद अधिकारियों तक पहुंचाते। लेकिन कोई भी इनकी समस्या को गंभीरता से लेने को तैयार नहीं था। तभी डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में तहसीलदार अनिल कुमार यादव और संपूर्णानगर पुलिस के साथ मिलकर अभियान चलाया और पैमाइश शुरू हुई। इसके बाद खीरी- पीलीभीत जिले की सीमा पर विवाद हल हो गया और सभी को कब्जा मिल गया।
सभी ने दिया धन्यवाद:-
इस मामले से खुश हुए पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दिनेश शर्मा, अवधेश कुमार, महिला असंतरा, लालचंद्र, नंदलाल सहित तमाम लोगों ने जिलाधिकारी को धन्यवाद व्यक्त किया। साथ ही 85 वर्षीय खलील ने भी सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि जब वे दौड़ते थे। तक वे स्वस्थ थे। अब उन्हें खूब ही सहारे की आवश्यक्ता पडती है। आज उन्हें इस कामयाबी के मिलने से सभी के आंखें आंसू छलक आये। हालांकि अभी आंशिक भूमि ही उन्हें मिल सकती है। तहसील में तहसीलदार ने बताया कि जल्द ही पूरी कराई जाएगी।