नानपारा के पूर्व विधायक वारिस अली की हुई मौत…..
बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- नानपारा के कद्दावर नेता व पूर्व विधायक वारिस अली की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी है,इनका शव इनके नानपारा स्थित आवास पर बने तालाब में मृत पाया गया है।क्षेत्रीय पुलिस मौके पर पहुंच गई है और हालात का जायज़ा भी ले रही है।परिवारीजनों द्वारा पैर फिसल कर तालाब में गिर कर मौत होने बताया जा रहा है जबकि ये भी आशंका जताई जा रही है कि या तालाब के निकट टहलते समय इनको दिल का दौरा पड़ा और वह तालाब में गिर गये जिससे इनकी मौत हो गयी या किसी अज्ञात के द्वारा इन्हें मार कर तालाब में फेंका गया है।घर पर इनके कोहराम मचा हुआ है कोई भो कुछ भी बताने की स्थिति में नही है।सब सोंचना ये है कि जब इन्होंने अपने घर मे तालाब बना रखा है तो जाहिर है कि इन्हें स्वीमिंग का शौक था ऐसे वह तैरना भी जानते होंगे लेकिन ऐसी दशा में वह होश में रहते हुए तालाब में डूब जायें, कुछ अजीब सा लगता है जो इनकी मौत को संदिग्ध बना रहा है।57 बसन्त बिता चुके स्वर्गीय वारिस अली 2007 में बसपा के टिकट पर क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व विधायक जटाशंकर सिंह को लगभल 34 हजार 5 सौ वोटों से हरा कर विधान सभा पहुंचे थे,मूल रूप से मिंहीपुरवा के रहने वाले वारिस अली समाजसेवी के तौर पर जनता की सेवा करते थे और सबसे पहले जिला पंचायत के जरिये सुर्खियों में आने के बाद एक अच्छे राजनेता के रूप में इनका उदय हुआ उस समय ये अपनी पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष बनावाने में कामियाब रहे और सक्रिय राजनीति में आ गये जबकि जनता की सेवा के जुनून इनमें पत्रकारिता से पैदा हुआ था और कुछ समय तक ये मिनहीपुरवा में एक दैनिक अखबार के रिपोर्टर भी रहे फिर उसके बाद मायावती के दौर में 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर विधायक भी बने,ये बात अलग है कि 2012 में इन्हें सफलता नही मिली और ये चुनाव हार लगे लेकिन तब तक ये काफी आगे बढ़ चुके थे और नानपारा व बहराइच में भी इनके आलीशान आवास बने हुए हैं परंतु रहना इनका नानपारा में ही रहता था।वारिस अली की मौत की खबर से क्षेत्र तो क्या पूरे जिले में हलचल सी मच गई है और लोग इनके आवास की तरफ दौडे चले जा रहे है और आवास पर इनके दर्शन करने वालों का तांता लगा हुआ है।