चन्द मिनटों की बारिश ने आज एक बार फिर खोली नगर पालिका की सफाई व्यवस्था की पोल,आधे से ज्यादा शहर बना तालाब……
बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:-स्थानीय नगर पालिका प्रशासन और खास कर पालिका की मौजूदा अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी की कार्य शैली अपने प्रारम्भिक समय से सवालों के घेरे में रही है जिसके अंतर्गत पालिका कर्मचारियों की भर्ती और निर्माण कार्यों से लेकर कर्मचारियों के पटल आवंटन में लगातार फरुखाबादी खेल देखने को मिल रहा है लेकिन फिर उसमें कोई सकारात्मक सुधार न होने से शहर की आम जनता को कोप भाजन बनना पड़ रहा है।ताजा मामला बारिश के मौसम की शुरुआत से पहले नगरीय क्षेत्रों में जल भराव की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए पालिका प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च कर शहर के बड़े नालों की सफाई कराई थी लेकिन शुरुआती दौर में हुई बारिश ने पालिका के इस विकास कार्य की पोल खोल कर रख जिसके वशीभूत पैसे भी ख़र्च हो गये मगर नाले नही साफ हो पाये और बारिश के दौरान हुए जल भराव से क्षेत्र के एक विधायक आवास,जिला अस्पताल समेत बहुत से घरों में नाले का गंदा बरसाती पानी घुस गया जिस पर क्षेत्रीय राज्य मंत्री की नाराजगी पर उक्त नालों की दोबारा सफाई का काम शुरू करा दिया गया, लेकिन अब सवाल ये उठता है कि क्या शहर का वातावरण बदल गया है तो आइए हम आज हुई बारिश पर एक नजर डालते हैं,जी हां मंत्री की नाराजगी से उक्त नालों की दोबारा सफाई कर कार्य भले ही शुरू हो गया है लेकिन शहर के अधिकांश भागों की स्थिति जस की तस है,शहर के मुख्य बाजार से लेकर विभिन्न इलाकों में आज चन्द मिनटों की बारिश से जल भराव की स्थिति पैदा हो गयी है,दरगाह थाने के पास से लेकर रोडवेज तक मुख्य मार्ग जहां रोड के दोनों तरफ नाली और नाले बने हुये हैं लेकिन फिर भी आखिर जल भराव क्यों हो रहा है,तो यहां ये बताना जरूरी है कि इन नाली और नालों की नियमित सफाई नही होती है और इनकी सफाई के नाम पर नगर पालिका प्रशासन लाखों रुपया महीना निकाल कर बंदरबांट करती रहती है जिसे देखने के लिये पालिका की निर्वाचित अध्यक्ष को समय नही है और उन्हें समय मिले तो कैसे क्योंकि उन्हें अपनी चूल्हा और चकिया से ही फुर्सत नही जो वह जनता के सुख दुख की फिक्र करें,अरे जब उन्हें अपने स्वाधीनता दिवस पर राष्ट्रीय कार्यक्रम में शिरकत करने की फुर्सत नही मिली तो आपके लिये कैसे वह समय निकाल लेती।अब ऐसी अंधी बहरी व्यवस्था में जल भराव क्या वक्त आने पर शहर बह भी जाये तो इनकी बला से।पूरा शहर आज भी जल भराव और गन्दगी की मार झेलने पर विवश है और व्यवस्था चैन की बंशी बजा रहा है।