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Friday, December 27, 2024

संविधान हो या बेटियाँ दोनों के बिखरते आस्तिव को हम बचायेंगे :- सरिता

सरफराज़ अहमद:-NOI।

बहराइच- रक्षाबंधन के पावन अवसर पर भिनगा के अवधूत नगर के बेटियों के मध्य युवा कांग्रेस की इस परिपाटी का शुभारंभ किया गया । वर्तमान परिवेश मे मुजफ्फरनगर से लेकर बलिया से श्रावस्ती तक ओर से लेकर छोर तक कही भी बेटियों की अस्मिता महफूज नही और न ही भारत के लोकतंत्रीय ढाँचे का एकात्मक प्रतीक भारतीय संविधान स्थिति बङी विषम है मैं *सरिता*

इस पावन पर्व सभी बेटियों को रक्षा सूत्र बांधकर ये प्रण लेते हैं कि इस गाॅव की बच्चियों के लिए *रक्षवाहिनी ढाल बनूंगी साथ ही साथ संविधान पर राजनैतिक साम्प्रदायिक हमले के प्रहार का पुरजोर विरोध करते हुए इस संवैधानिक मूल प्रति

सहित इसके आस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे का भी सामना करूंगी और हम *नारियाँ* हम *बेटियाँ* देश की आधी आबादी शपथ लेते हैं कि जिस उद्देश्य से *अम्बेडकर* जी ने इसकी रचना की थी
*आवाम के लिए, *आवाम* *के* *द्वारा,* *आवाम* *से,* *का* पर्याय कल भी *जीवंत* था आज भी है और *चीरकाल* तक रहेगा।

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