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Friday, January 3, 2025

डायरिया, निमोनिया और कुपोषण से बचाएगा “होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड”

डायरिया, निमोनिया और कुपोषण से बचाएगा “होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड”प्रशिक्षण की गुणवत्ता के मामले मे बहराइच , प्रदेश मे अव्वल,,,,,,,,,,बहराइच :(अब्दुल अजीज)NOI:- बच्चों मे डायरिया, निमोनिया और कुपोषण जैसी बीमारियों की रोकथाम एवं बचाव के लिए जिला चिकित्सालय सभागार में “होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड” कार्यक्रम के तहत पाँच दिवसीय “प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण” कार्यक्रम का आयोजन किया गया | जिसमें जिले के 14 ब्लॉकों के कुल 28 प्रशिक्षकों ने प्रतिभाग किया | मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सुरेश सिंह ने बताया कि होम बेस्ड न्यूबार्न केयर कार्यक्रम के तहत अभी तक आशा द्वारा 42 दिन तक 6-7 बार गृह भ्रमण कर नवजात शिशुओं एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य की देखभाल की जाती थी | इस कार्यक्रम को विस्तार देते हुये बाल्यकाल मे बीमारियों एवं कुपोषण से बचाव करने हेतु 15 माह तक पाँच अतरिक्त गृह भ्रमणों की व्यवस्था भारत सरकार द्वारा संचालित “होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड” कार्यक्रम के अंतर्गत की गयी है |गौरतलब है कि एसआरएस 2016 के अनुसार प्रदेश मे बाल मृत्यु दर 47 प्रतिशत है | बच्चों मे डायरिया, निमोनिया और कुपोषण जैसी बीमारियां इसकी प्रमुख वजह है | प्रशिक्षक डॉ हमीद उल्ला ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान बच्चों मे पोषण, आरंभिक बाल विकास, स्वास्थ्य, जल स्वच्छता एवं व्यक्तिगत साफ सफाई एवं बीमार बच्चों को चिन्हित करने और बीमारी को प्रारम्भिक अवस्था मे ही पहचानकर उचित सलाह और संदर्भन करने हेतु आशाओं को “होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड” कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा |शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षकों को दो बैचों मे प्रशिक्षित किया जाना है | इसके लिए जिले मे प्रथम बैच के प्रशिक्षण का आज समापन हो गया | प्रशिक्षण उपरांत सभी प्रशिक्षक ब्लाक स्तर पर आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी को प्रशिक्षित करेंगे | मो0 राशिद डीसीपीएम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने बताया कि यूनिसेफ़ के सहयोग से आयोजित “होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड” प्रशिक्षण की गुणवत्ता के लिए शासन ने 65 बिन्दुओं की एक चेकलिस्ट जारी की है | जिसमे पोषण और स्वास्थ्य संबन्धित विषयों पर प्रशिक्षण के लिए उपकरणो के साथ प्रशिक्षार्थियों के फीड बैक फार्म एवं उनके रहने, खाने और बैठने की व्यवस्था शामिल है | उन्होने बताया कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता के लिए यूनिसेफ़ द्वारा भरी गयी चेक लिस्ट के अनुसार जनपद बहराइच प्रदेश मे पहले स्थान पर है | इस मौके पर साकेत शुक्ला मंडलीय समन्वयक यूनिसेफ़, सभी ब्लाकों के मेडिकल ऑफिसर प्रशिक्षक दिलीप कुमार अवस्थी, जे के चौबे, चन्देशवर पाठक के अलावा सभी ब्लाकों के बीसीपीएम,एचआईओ ,सीडीपीओ एवं एनजीओ के लोग मौजूद थे |

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