सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर मे जिला प्रशासन के नाक के नीचे योजना की धज्जिया उडाई जा रही है और कागजो पर सब सही दिखाया जा रहाँ है ।जमीनी हकीकत को देखने वाला कोई नही ।
जनपद सीतापुर मे प्रधान मंत्री आवास योजना मे धज्जिया उडाई ही जाती थी लेकिन विकास खन्ड कसमन्डा के विभिन्न ग्राम पंचायतो मे प्रधान मंत्री आवास योजना केवल अपात्रों के लिये ही बनकर रह गयी है यह ग्राम पंचायत इस प्रकार है जन्मे जमकर सरकारी धन का बन्दर बाट हुआ है नम्बर 1 भिठौली 2 सरौराकला 3 ललवा 4 महोली 5 जुडौडा 6 सीतारशोई 7 डोभा 8 उसरी 9 हरैया 10 जयरामपुर 11 हरिहरपुर यहाँ पर जो प्रधान मंत्री आवास योजना के पात्र है. उनको उसका लाभ न देकर अपत्रों को लगातार चयन किया जाता रहाँ है और यहाँ तैनात ग्राम पचाँयत अधिकारी केवल ब्लाक पर पैसो का ही हिस्सा लगाना जानते है उनको पात्र या आपत्र से कोई नही मतलब है केवल कौन पैसा देगा उससे ही मतलब है और उसी को आवास उसे देगे जो पैसा देगा वह उसी को पात्र घोसित करेगे यह खेल विकास खन्ड मे चल रहाँ है .सूत्रो की माने तो जिला प्रशासन इस भ्रष्टाचार मे स्वम सम्लित है. सरकार की योजना का इस तरह बन्दर बाट होगा तो देश के प्रधान मंत्री मोदी का सपना कैसे पूरा होगा कि 2022 तक क्या सबको घर दे पायेगे ? ।
विकास खन्ड कसमन्डा के विभिन्न ग्राम पंचायत मे जिन लाभार्थी स्वम शौचालय बना कर तैयार किया गया है और दस हजार का भुगतान दिया गया है और तैयार भी हो चुका लेकिन फिर भी दो हजार की किस्त नही दी जा रही है और जो शौचालय ग्राम पंचायत अधिकारी की देख रेख मे बने है वह जर्जर है और पीले ईट का और मांनक विहीन बने है जिससे जनता उसमे जाने से डरती है कि मै जाऊ तो कही बरसात मे वह गिर न जाये यह डर आम जनता को लगा रहता है इसलिये विकास खन्ड मे बने शौचालय की जाँच कराई जाये और जिन गाव वालो द्वारा स्वम शौचालय बना लिया है उनको बची हुई किस्त नही मिली ।
विकास खन्ड कसमन्डा के विभिन्न ग्राम पंचायत मे राज्य वित्त वा चौदवा वित्त की जाँच सरकार किसी जाँच ऐजन्सी द्वारा कराया जाय तो सारी सच्चाई सामने आजायेगी यह ऐसी ग्राम पंचायत है जहाँ पर बर्ष 2016 से 2019 तक केवल पैसा ही निकाला गया है और काम कुछ भी नही होता है यहाँ की जनता यह सोच कर परेशान है कि हर ग्राम पंचायतग्राम पंचायतो मे राज्य वित्त वा चौदवा वित्त वा शौचालय मे किया जा रहाँ घोटाले।
सरकार गरीबों के लिए सभी के लिए घर शौचालय सही मार्ग व् नाली का सपना देखती है और धन भी देती है मगर ग्राम सचिव व् प्रधान अपनी जेब भरने में लगे रहते है अगर किसी सरकारी जांच एजेंसी द्वारा जांच करले तो सारी सच्चाई खुदब खुद सामने आजायेगी।