नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जिससे बचने के लिए लगातार टीकाकरण हो रहा है। सरकार कोरोना वैक्सीन के लिए जगह-जगह कैंप लगा रही है कि कोई भी वैक्सीन लगवाने से छूट न जाए। लेकिन कुछ लोग कोरोना वैक्सीन लगवाने में पीछे हट रहे है। जिसके बाद कर्नाटक ने नियम निकाल लिया है।
कर्नाटक में चामराजनगर जिले में लोग कोरोना का टीका लगवाने में झिझक रहे है। जिसके बाद जिला प्रशासन ने टीकाकरण के लिए अभियान चलाया है। प्रशासन ने कहा कि टीकाकरण नहीं, तो राशन नहीं। टीकाकरण नहीं, तो पेंशन नहीं। जिसके बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसकी आलोचना की है।
सीमावर्ती जिले के उपायुक्त एम. आर. रवि ने बताया कि 27 अगस्त को 25,000 टीकाकरण के दैनिक लक्ष्य के साथ एक सप्ताह तक चलने वाले विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत की, उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि लोग वैक्सीन नहीं ले रहे हैं और टीके लेने के लिए स्वेच्छा से नहीं जा रहे हैं। जिले में लगभग 2.90 लाख बीपीएल (पीडीएस) कार्डधारक और लगभग 2.2 लाख पेंशनभोगी हैं। हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 1 सितंबर से लाभार्थी स्वेच्छा से राशन आपूर्ति या पेंशन के पात्र होने के लिए टीके लें।
चामराजनगर जिले में लगभग 75 फीसदी टीकाकरण हो चुका है जिसके लिए 238 टीमें और 20 मोबाइल ईकाइयां काम कर रही है। इस साल जून में, जिला प्रशासन ने टीकाकरण कवरेज में सुधार के लिए चामराजनगर, गुंडलूपेट, येलंदूर और कोल्लेगल में गुलाबी बूथ, सभी महिला टीकाकरण केंद्र भी लॉन्च किए थे।