लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के खड्डा इलाके में बुधवार सुबह नारायणी नदी में महिला मजदूरों से भरी नाव पलट गई। नाव पर सवार नौ महिलाओं समेत सभी 10 लोग डूब गए। इस दौरान नदी में मछली पकड़ रहे मछुआरों ने सात को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। जबकि तीन युवतियां लापता हो गईं।
घटना की सूचना मिलते ही जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू कर दिया। जिसके बाद एक घंटे की मशक्कत के बाद तीनों युवतियों का शव मिला गया है। इसकी जानकारी होते ही गांव में चीख पुकार मच गई। नाव में सवार महिला मजदूर नदी के उस पार गेहूं की कटाई करने जा रहीं थीं। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
डीएम, एसपी व विधायक ने मौके पर पहुंच घटना की जानकारी ली। घटना का कारण नाव में छेद होना बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गांव बोधी छपरा निवासी मिश्री निषाद का नारायणी नदी उस पार गांव बलुइया रेता में खेत है। खेत में गेहूं की फसल तैयार है। छितौनी के टोला पथलहवा निवासी नौ महिला मजूदरों संग सुबह आठ बजे वह गेहूं की कटाई कराने नाव से नदी उस पार जा रहे थे।
बीच नदी में नाव में छेद के चलते पानी भर जाने से अचानक पलट गई। इससे सवार सभी डूबने लगे। यह देख नदी किनारे मछली पकड़ रहे आधा दर्जन मछुआरे साहस दिखाते हुए नदी में कूद गए और डूबते लोगों में 16 वर्षीय कुमकुम, 55 वर्षीय सुरमा देवी, 16 वर्षीय हुस्नआरा, 16 वर्षीय रबिया, 18 वर्षीय नूरजहां, 16 वर्षीय गुलशन निवासी पथलहवा तथा 45 वर्षीय मिश्री निषाद सहित सात को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
हालांकि, तीन युवतियों की काफी तलाश के बाद भी 18 वर्षीय गुड़िया, 35 वर्षीय आसमां व 18 वर्षीय सोनिया निवासी पथलहवा का पता नहीं चला। एक घंटे की मशक्कत के बाद नदी के बीच शैवाल में फंसे तीनों का शव मिला। शव बरामद होने की खबर मिलते ही गांव में चीख-पुकार मच गई। अधिक संख्या में गांव के लोग नदी किनारे एकत्रित हो गए। पंचानामा बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया। डीएम एस राजलिंगम ने जांच के आदेश दे दिया है।