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Friday, January 3, 2025

नोटों से खेलने वाले ‘पांडे जी’ पहुंचे हवालात

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प्रदीप कुमार सिंह, नई दिल्ली। पांडे जी के ख्वाब ऊंचे थे लेकिन पढ़ाई में मन नहीं लगा। दसवीं में फेल हुए पर रुपयों से खेलने की हसरत ने साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने गांव में ही गृह रत्नों की दुकान खोल डाली। लेकिन धंधा नहीं चला तो गैस एजेंसी खोल ली। यहां भी मेहनत की कमाई पर ख्वाहिश भारी पड़ी और गैस एजेंसी के शटर पर ताला जड़कर उतर गए नकली नोटों की तस्करी में। हल्दी लगे न फिटकरी, रंग चोखा का चोखा, देखते ही देखते उनका यह धंधा चल पड़ा। बचपन की ख्वाहिश पूरी हुई और लाखों में खेलने लगे। इलाके में भी रुतबा बढ़ा और पांडे जी के नाम से मशहूर हो गए।

 

बिहार में गृह जनपद बेतिया से नकली नोटों की तस्करी का कारोबार वह बहुत सफाई से चला रहे थे। एकाएक दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उनकी नींद उड़ा दी। दिल्ली में नकली नोटों के साथ तीन तस्करों की गिरफ्तारी के बाद पांडे जी भूमिगत हो गए। साथ क्राइम ब्रांच के निशाने पर आए खास मुलाजिम को भी साथ ले लिया। लेकिन शनिवार को पांडे जी आखिरकार क्राइम ब्रांच के जाल में फंस ही गए। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त रविंद्र यादव (क्राइम ब्रांच) के अनुसार राजधानी में नकली नोट तस्करी में लिप्त विपिन पांडे व उसके साथी नगीना प्रसाद को शनिवार को बेतिया में सुप्रिया सिनेमा के समीप पकड़ा गया।

 

क्राइम ब्रांच अधिकारियों के अनुसार, विपिन पांडे बेतिया जिले के खरतिया वार्ड नंबर 13 का निवासी है। गिरफ्तारी के दौरान दोनों के कब्जे से 55 हजार के नकली नोट (सभी एक हजार रुपये के नोट) बरामद हुए। रत्न की दुकान बंद होने के बाद विपिन पांडे ने गांव में अनुराग गैस एजेंसी खोली थी। लेकिन 2011 में उसने इसे बंद कर दिया। इसके बाद वह कंकड़बाग, पटना निवासी जेके खान (अब मृत) के माध्यम से राजन शाह के संपर्क में आया। राजन शाह नेपाल के भिस्वा में नकली नोटों का कारोबार चलाता है। जांच में पता चला कि विपिन पांडे के खिलाफ बेतिया के ही सत्थी पुलिस थाने में हत्या व आ‌र्म्स एक्ट का मामला भी दर्ज है। पूछताछ में पता चला कि नगीना पहले पंजाब में मजदूरी करता था। 2010 में गांव लौटने के बाद वह विपिन पांडे के संपर्क में आया।

 

बेहद शातिर है सरगना

 

क्राइम ब्रांच अधिकारियों के अनुसार, सरगना विपिन पांडे बेहद शातिर है। वह किसी पर भी भरोसा नहीं करता। पुलिस की पहुंच से बचने के लिए वह अधिकतर डील नगीना के माध्यम से करता था। इस कारण दिल्ली में गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में नगीना का नाम सामने आया था। वहीं विपिन पांडे नेपाल में राजन शाह से अपने संपर्क भी बेहद छिपाकर रखता था। उसके नेटवर्क के बहुत कम लोग जानते थे कि वह नकली नोट कहां से मंगाता है।

 

100 रुपये का नकली नोट 40 रुपये में

 

पूछताछ में विपिन पांडे ने बताया कि नेपाल से वह सौ रुपये के नोटों के लिए 40 रुपये चुकाता था। नगीना धंधे से जुड़े तस्करों की सौ का नकली नोट 52 रुपये के हिसाब से सप्लाई करता था। तस्कर उसे 62 से 65 रुपये के हिसाब से आगे सप्लाई करते थे।

 

सरगना तक ऐसे पहुंची क्राइम ब्रांच

 

11 मार्च को क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त उपायुक्त कुमार ज्ञानेश की देखरेख में एसीपी एमसी कटोच की टीम ने बिहार के शिक्षक अर्जुन शर्मा, परमा शाह व सतेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर चार लाख के नकली नोट बरामद किए। पूछताछ के बाद सब इंस्पेक्टर प्रभांशु के नेतृत्व में एक टीम बेतिया भेजी गई। तब तक नगीना प्रसाद घर से फरार हो चुका था। टीम की छानबीन में पता चला कि विपिन पांडे ही सरगना है। दर्जनों स्थानों पर छापेमारी और मुखबिर तंत्र की मदद से पुलिस टीम ने शनिवार को बेतिया में सुप्रिया सिनेमा के समीप नगीना व विपिन पांडे को दबोच लिया। दोनों इस समय दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं।

 

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