इस नजारे ने वहां मौजूद लोगों की सुबह बना दी और पलक झपकते ही हैरानी से बाहर निकल लोग तेजी से नोट लूटने लगे. इनमें से कुछ तो पेड़ पर भी चढ़ गए, जिससे उड़ते हुए नोटों को ज्यादा से ज्यादा लूटा जाए. एक चश्मदीद मुन्ना कुमार ने बताया कि जैसे ही लोग पेड़ पर चढ़ने लगे तो वह तुरंत एक छत से दूसरी छत पर बैग को लिये भागने लगा.
इस तरह करीब आधे घंटे तक बंदर ने दौड़ भागकर राम बाजार और गंज बाजार में रुपयों की बारिश की, लेकिन इस बंदर ने शिमला के लोगों पर कितने रुपये लुटाए ये अभी तक स्पष्ट नहीं है.
मजेदार बात तो यह हुई कि वहां मौजूद लोग अपने हिस्से में आने वाले नोट बटोरने में ही व्यस्त थे. किसी ने भी इस दानी बंदर की तस्वीर या वीडियो नहीं ली.